नियंत्रण रेखा पर पुंछ जिले के कृष्णा घाटी तथा साब्जियां सेक्टर में फिर पाक की भारी गोलाबारी में दो जवान शहीद हो गए. इसके साथ ही एक महिला एसपीओ और चार जवान घायल हुए हैं. एक महिला भी जख्मी हुई है. भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई में पाक के कई पोस्ट तबाह हो गए हैं. आधी रात के बाद शुरू हुई गोलाबारी से नागरिकों में दहशत है. पाक की ओर से घुसपैठ की दो कोशिशों को सफल बनाने के लिए कवर फायर किया गया. कृष्णा घाटी सेक्टर में घुसपैठ को नाकाम बनाने के दौरान गोलाबारी में 22 सिख रेजीमेंट का सिपाही गुरसेवक सिंह (23) शहीद हो गया. वह पंजाब के तरनताल जिले के वारना-लालपुर का निवासी था. परिवार में उसके पिता बलविंदर सिंह हैं.
केजी सेक्टर में ही बीएसएफ के एसआई नितिन कुमार और सिपाही राजीव बेदी घायल हो गए. साब्जियां सेक्टर में भी गोलाबारी में सेना का जवान राजेंद्र थापा शहीद हो गया. पाक की गोलाबारी में पुंछ निवासी महिला एसपीओ जरीफा बेगम घायल हो गईं. वह गगरियां गांव में ड्यूटी पर तैनात थीं.
उन्हें पुंछ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां हालत स्थिर बताई जा रही है। इसके साथ ही २२ मराठा लाइट इंफेंट्री के दो जवान भी जख्मी हुए हैं। सडोत्री गांव में महिला तस्लीमा अख्तर को भी घायल होने के बाद पुंछ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनकी दो बच्चियों को भी हल्की चोटें पहुंची हैं।
सेना का कहना है कि पाक की ओर से भी सुबह सवा दस बजे के बाद से १२० एमएम तथा ८२ एमएम मोर्टार तथा आटोमैटिक हथियारों से धुआंधार फायरिंग की। पाक सेना की ओर से कम से कम चार स्थानों पर भारतीय पोस्टों तथा ग्रामीण इलाकों को निशाना बनाकर गोलाबारी की गई। सेना का कहना है कि घुसपैठियों को सतर्क जवानों की ओर से ललकारने के बाद की गई फायरिंग में जवान शहीद हुए हैं. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पुंछ के केजी सेक्टर में पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम द्वारा हमला किया गया है. जानकारी के मुताबिक बैट टीम के द्वारा हुए हमले के दौरान ही भारी गोलाबारी की गई है जिसका भारतीय जवानों द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया गया है. हालांकि अब तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है.
BAT पाकिस्तान की कमांडो सेना और प्रशिक्षित आतंकियों की टुकड़ी है जो भारतीय सीमा में घुसपैठ कर अपनी करतूतों को अंजाम देती है. पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को कवर देती है. बेहद क्रूर बैट ने जनवरी 2013 में भी मेंढर सेक्टर में शहीद हेमराज का सिर काट लिया था, जबकि दूसरे शहीद के शव को क्षत-विक्षत कर दिया था.
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