रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के जिन जिलों को खुले में शौच मुक्त के लिए पुरस्कार भी दे दिया, वहां की सच्चाई कुछ और ही है. दरअसल उन जिलों के कई गावों में एक शौचायल के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगी है.
बीबीसी वेब साईट में छपी खबर के मुताबिक मोदी ने मुंगेली और धमतरी जिले के साथ-साथ 15 विकासखण्डों को भी 'खुले में शौच मुक्त' जिला घोषित किया. इसके लिए पंचायत अध्यक्षों, जनपद पंचायत अध्यक्षों को सम्मानित भी किया गया लेकिन कागजों में दर्ज आंकड़े गलत हैं.
शौचालय बनाने का काम सम्मान के बाद शुरू हुआ है. मुंगेली जिले के पथरिया विकासखंड के चिरौटी गांव में 45 घर हैं लेकिन अधिकतर घरों में शौचालय नहीं है. वहीं गांव में सम्मान मिलने के बाद शौचालय निर्माण का काम शुरू हुआ है.
गांव के कई लोगों को कहना है कि सदियों से पूरा गांव खुले में शौच जाता है, उन्हें कभी इसकी जरूरत ही महसूस नहीं हुई, लेकिन यदि सरकारी मदद मिले तो वे शौचायल बनवाना जरूर चाहेंगे. लोगों ने यह भी कहा कि शौचालय निर्माण के लिए कभी उनके सरपंच या किसी अधिकारी ने उनसे बात भी नहीं की.
कांग्रेसी नेता घनश्याम वर्मा का कहना है कि मुंगेली जिले के कई गांव आज भी खुले में शौच करता है. सिर्फ कागज में दिखाने के लिए शौचालय बना दिया गया है. जबकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले के सभी 674 गांवों में 97,776 शौचालय बनाये गये.
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