नई दिल्ली। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) काफी नाराज है. वहीं एनजीटी ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण से बिगड़े हालात पर केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें कदम नहीं उठा रहीं.
दिल्ली सरकार ने बताया कि प्रदूषण को लेकर उसने गुरुवार को दो मीटिंग की. एनजीटी ने कहा कि आप 20 मीटिंग कर लीजिए, लेकिन उससे क्या फर्क पड़ेगा. आप कोई एक काम बताइए जो आपने प्रदूषण को कम करने के लिए किया हो.
डीजल गाड़ियां भी नहीं हटीं
दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली मे प्रदूषण के बढ़ने की मुख्य वजह क्रॉप बर्निंग है. एनजीटी ने कहा कि क्रॉप बर्निंग के आलावा दिल्ली मे प्रदूषण बढ़ने की कई और वजह है. क्या आपने उस पर कोई काम किया. एनजीटी ने कहा कि आप अभी तक 10 साल पुरानी डीजल गाडियों को दिल्ली की सड़कों से नहीं हटा पाए है. हम अपने बच्चों और नौनिहालों को क्या दे रहे हैं? प्रदूषण जो उनके लिए जानलेवा है. हमे सोचना होगा.
बिल्डर्स उड़ा रहे नियमों की धज्जियां
एनजीटी ने कहा कि हमने खुद देखा है कि साउथ दिल्ली के कई इलाकों मे बिल्डर्स कंस्ट्रक्शन के दौरान नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। कंस्ट्रक्शन के दौरान धूल प्रदूषण बढ़ाने का बड़ा कारण है. डस्ट, प्लास्टिक बर्निंग और कूड़े को जलाने को लेकर अभी तक एजेंसी क्या कर रही है।
पडौसी राज्यो से भी मांगी रिपोर्ट
एनजीटी ने यूपी, हरियाणा और पंजाब राजस्थान और दिल्ली के पर्यावरण सेक्रेटरी को तलब किया और कहा कि वो हर हाल मे सुनिशिचित करें कि प्रदूषण को कैसे कम करना है. एनजीटी ने इन सभी राज्यों से 8 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है।
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