भोपाल की सेंट्रल जेल से फरार हुए आतंकियों को शहर से दस पन्द्रह किलोमीटर दूर मार गिराने के बाद इस मुठभेड़ की आंखों देखी हकीकत सामने आई है. पूरे घटनाक्रम के चश्मदीद गवाह रहे एक गांव के सरपंच ने इस संबंध में एक न्यूज एजेंसी को बताया कि किस तरह से उन्होंने सबसे पहले आतंकियों को नदी पार करते देखा और फिर पुलिस को सूचना दी. इसके बाद पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया.
खेड़ा गांव के सरपंच मोहन सिंह मीणा ने बताया कि 'सुबह छह सात बजे के करीब उनके पास पुलिस आई और उनसे कहा कि भोपाल जेल से आठ आतंकवादी फरार हुए हैं, आपका क्षेत्र है आसपास फोन लगा दो संदिग्ध लोग जहां भी दिखें इस बारे में जानकारी दे दें.
मैंने पास के गांव में दीपक को फोन लगाया जिस पर उन्होंने बताया कि हां... संदिग्ध लोग दिखे हैं तो... निकल गए हैं आपके उधर. बाद में उन्होंने पलटकर फोन किया और बताया कि हां... संदिग्ध लोग दिखे हैं जो गांव के खेतों में पानी लगा रहे लोगों को दिखे हैं. फिर मैंने अपने दोस्त सूरज सिंह को फोन किया उन्हें बताया कि आठ आदमी फरार हैं, मैंने कहा आप अपनी गाड़ी लेकर आइए उन्हें ढूंढते हैं.
हम उन्हें ढूंढ ही रहे थे कि नदी से पहले एक आदमी निकला, फिर दूसरा निकला फिर तीसरा और एक एक कर आठों आदमी नदी से निकलकर बाहर आ गए. वो कोई दूसरी भाषा बोल रहे थे जो हमारी समझ में नहीं आई. हमने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने हमें धमकी दी. इसके बाद हमने खेत में पानी फेर रहे एक आदमी से कहा कि तुम गांव जाओ और वहां से सौ-सवा सौ आदमियों को लेकर जल्दी आओ। फिर हम इनका पीछा करते करते पठार तक आ गए, ये पठार पर चढ़ गए। उनके हाथ में लाठी थी और कमर पर बैग थे।
हमने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने कहा 'गोली मार देंगे'। फिर हमने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद 20-25 मिनट में पुलिस आ गई। पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी कि सरेंडर कर दो, लेकिन वह तैयार नहीं हुए। वह कुछ नारे लगा रहे थे।
मीणा ने दावा किया पुलिस को उन्होंने इतना मजबूर कर दिया कि एनकाउंटर करना पड़ा। पुलिस ने शुरूआत में हवाई फायरिंग की लेकिन वो सीना ठोंकते रहे। इसके बाद वह पुलिस पर पथराव कर रहे थे। इसी बीच चार पांच गांवों की भीड़ भी मौके पर पहुंच गई। आतंकियों के अंदर मरने का कोई डर नहीं था। वो लगातार पुलिस पर पथराव कर रहे थे।
इस सारे घटनाक्रम से काफी उत्साहित दिखाई दे रहे सरपंच मीणा ने बताया कि असली दिवाली तो आज ही मनी है देश के दुश्मन मारे गए हैं। लोग भारत माता की जय के नारे लगा रहे हैं।
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