गोवा. आतंकवाद को जन्म देने वालो, आतंकवाद को पनाह देने वालो,आतंकवाद का समर्थन करने वालो और हिंसा फैलाने वालो को प्रश्रय देने वालो के खिलाफ ब्रिक्स देशो के नेताओ में सहमति बन गई है. ब्रिक्स सम्मेलन की समाप्ति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलान किया कि हम में इस बात पर सहमति हुई है कि आतंकवाद और कट्टरपंथी ताकते शांति, स्थायित्व और आर्थिक विकास में सब से बडी बाधा है.
नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन की समाप्ति पर पत्रकारो से बात करते हुए कहा कि ब्रिक्स में इस बात पर सहमति प्रकट की गई कि आतंकवाद के खिलाफ मिल कर मुकाबला करना होगा. उन्होने कहा कि 2008 की मंदी के बाद सहयोगी देशो को मंदी से उबारने के लिए ब्रिक्स देशो की अहम भूमिका रही है.
इस से पहले आज सुबह 8 वें ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) सम्मेलन के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शुरुआती भाषण में पाकिस्तान पर तगड़ा हमला बोला था. उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि दुर्भाग्य से भारत के पड़ोस में आतंकवाद की जन्मभूमि है.
मोदी ने कहा, वहां न केवल आतंकियों को पनाह मिलती है बल्कि आतंक को सही ठहराने की मानसिकता भी है. प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को विकास दुश्मन बताते हुए कहा कि यह हमारी उन्नति पर सबसे बड़ा खतरा है.“आतंकवादियों को वित्त पोषण, उनके हथियारों की आपूर्ति, प्रशिक्षण और राजनीतिक समर्थन को व्यवस्थित तरीके से खत्म करना जरूरी है।”
ब्रिक्स आतंकवाद के खिलाफ खड हो
ब्रिक्स के सदस्य देशों को अपील करते हुए मोदी ने कहा कि हमें आतंकवाद के खिलाफ खुलकर खड़े होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब आतंकी मानसिकता के लोग दावा करते हैं कि राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल जायज है तो हमें मिलकर इसकी कड़ी निंदा करनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने अगाह करते हुए कहा कि मध्य पूर्व, मिडिल ईस्ट, वेस्ट एशिया यूरोप और साउथ एशिया के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बन चुका है.
मोदी का चीन पर भी प्रहार
मोदी ने पाकिस्तान का बिना नाम लिए कहा कि हर तरह का टेरर माड्यूल इस देश से चलाया जा रहा है. यहां पर आतंकी मानसिकता वाले लोगों को पाला जा रहा है. वहीं चीन की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि आतंकवादियों और उनके समर्थकों सजा मिलनी चाहिए न कि इनाम. ब्रिक्स सम्मेलन में भी भारत को आतंकवाद पर सभी देशों ने समर्थन किया है. हालांकि चीन की ओर से जैश-मोहम्मद के आका मसूद अजहर पर कोर्ई ठोस बात नहीं की गई है और वह अभी भी अपने रुख पर कायम है. गौरतलब है कि उरी में हुए हमले के बाद प्रधानमंत्री ने खुले तौर पर ऐलान किया था कि हम पाकिस्तान को दुनिया के मंच से अलग-थलग कर देंगे. भारत ने इस मामले में अच्छी-खासी कूटनीतिक सफलता पाई है.
प्रचंड और शेख हसीना गोवा पहुंचे
इसस साल ब्रिक्स देशों के सम्मेलन के बाद परंपरा को तौर पर ब्रिक्स और बिम्सटेक यानी बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एवं इकोनॉमिक कोऑपरेशन का सम्मेलन में भी आयोजित कर सकता है. बिम्सटेक में भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड ओर श्रीलंका शामिल हैं.
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