देहरादून। मुहर्रम पर शिया समुदाय के लोगों ने करबला के मैदान में इमाम हुसैन और उनके कुछ साथियों की शहादत की याद में मातमी जुलूस निकाला. जलूस में मौलाना डा. मंजर अली आरफी की आतंकवाद विरोधी स्पीच ने मौहाल को पाकिस्तान विरोधी बना दिया और शिया मुस्लमानो ने जम कर पाक विरोधी नारेबाजी की.
मौलाना मंजर ने कहा कि इस्लाम के मानने वाला कभी दहशतगर्द नहीं हो सकता. उन्होंने ये भी कहा कि इमाम हुसैन का यजीद की फौज से मुकाबला करना इसी की सीख देता है कि आप कभी भी अपने को कमजोर न मानों. उन्होंने आतंकवाद से जंग की अपील की. जिसके बाद गांधी रोड पर जुलूस के पहुंचने पर उलमा ने आतंकवाद के खिलाफ तकरीर की, उन्होंने आतंकियों को नेस्तानाबूद करने की भी बात कही.
इस जुलूस में बूढ़े से लेकर बच्चे और जवान भी शामिल हुए. शिया उलमा ने हजरत इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत बया की तो सभी लोगों के आंखों से आंसू छलक उठे. यजीद को आतंकी बताया गया. इमाम आली मकाम ने आतंक से इंसानियत की हिफाजत की थी. दोपहर को 7 ईसी रोड स्थित इमामबाड़े में जुलूस से पहले मजलिस हुई.
इसमें मौलाना मोहम्मद असगर ने करबला का दर्दनाक मंजर बयान किया। उलेमा ने बताया कि इमाम आली मकाम और उनके साथियों ने जुल्म से मुकाबला कर इंसानियत और इस्लाम की हिफाजत की. दोपहर में अंजुमन मोईनुल मोमनीन के बैनर तले जुलूस निकला.
जुलूस के दौरान नोहा एवं मर्सियाख्वानी की गई। अंजुमन की ओर से रोजा-ए-रसूल, ख्याम-ए-हुसैन, जन्नतुल बकी एवं खाना-ए-काबा के मंजर सजाए गए. वहीँ 36 गांधी रोड से एएच नकवी ने काला अलम निकाला. जुलूस ईसी रोड से सर्वे चौक परेड ग्राउंड, तिब्बती मार्केट, लैंसडौन चौक, दर्शन लाल चौक तहसील चौक होते हुए इनामुल्ला बिल्डिंग पहुंच कर खत्म हुआ।बता दें कि यहां लखनऊ से आए
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