द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि जयललिता (68) की सलाह पर उनके मातहत विभागों को पन्नीरासेल्वम को आवंटित कर दिया.एक बयान में उन्होंने कहा कि जयललिता पिछले 19 दिनों से अस्पताल में हैं और कई नेता जब उनके मिलने के लिए यहां अपोलो अस्पताल पहुंचे तो उनसे मिलने नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू सहित कई नेताओं को उन्हें यहां जिस अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं, वहां जाने पर जयललिता को देखने या मिलने नहीं दिया गया.ऐसी स्थिति में राजभवन से बुधवार को जारी बयान में जयललिता की सलाह पर उनके विभाग किसी और को देने की बात आश्चर्यजनक है.
राजभवन से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार, राज्यपाल विद्यासागर राव ने संविधान के अनुच्छेद 166 के परिच्छेद-3 के अनुसार अब तक जो विभाग जयलतिलता के पास थे, उन्हें उनकी सलाह पर पन्नीरसेल्वम को आवंटित कर दिया है.
जयललिता के पास लोक सेवा, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा, समान्य प्रशासन, जिला राजस्व अधिकारी, पुलिस और गृह था.बयान में यह भी कहा गया है कि पन्नीरसेल्वम मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे।
राजभवन के बयान में कहा गया है, “यह व्यवस्था मुख्यमंत्री की सलाह पर की गई है और वह तब तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे जब तक जयललिता अपना दायित्व नहीं संभाल लेतीं. जयललिता मुख्यमंत्री बनी रहेंगी.”
जयललिता को गत 22 सितम्बर को बुखार और शरीर में पानी की कमी होने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था.बाद में डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अस्पताल में ज्यादा समय तक रहना होगा क्योंकि वह संक्रमण से पीड़ित हैं और उन्हें सांस लेने में सहायता दी जा रही है.
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