ब्रिक्स मे रूस-चीन को घेरेंगे मोदी

Publsihed: 12.Oct.2016, 11:24

संकेत हैं कि गोवा में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में भारत आतंकवाद का मुद्दा उठा कर रूस और चीन दोनो को बेनकाब करने की कोशिश करेगा. चीन पाकिस्तानी आतंकवादी अजहर मसूद पर प्रतिबंध लगाने में अडंगा जारी रखे हुए है, बल्कि अब तो उस ने भारत पर यह भी आरोप लगा दिया है कि आतंकवाद का राजनीतिक इस्तेमाल नही होना चाहिए. स्पष्ट है कि चीन का इशारा दलाई लामा को ले कर है और वह भारत की ओर से दलाई लामा को शरण देने का बदला लेने के लिए अज़हर मसूद का बचाव कर रहा है.

चीन और रूस दोनो ही देशो की ओर से पाकिस्तान का साथ देने के संकेत आ रहे हैं और ब्रिक्स सम्मेलन में दोनो देश शामिल हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनो देशो को आतंकवाद के मुद्दे पर आईना दिखाने का मौका नहीं चूकेंगे. रूस की ओर से पाकिस्तान के साथ साझा सैन्य अभ्यास करने पर भारत सरकार ने रूस को अपनी नाराजगी से पहले ही अवगत करवा दिया है. भारत ने रूस से कहा है कि जो देश आतंकवाद को बढावा देता है, और आतंकवाद जिस की सरकारी नीति है, उस के साथ साझा सैन्य अभ्यास दिक्कते पैदा करेगा. मास्को स्थित भारत के राजदूत पंकज शरण ने रूस के विदेश मंत्रालय को भारत की नाराजगी से अवगत करवाया. यह खुलासा खुद पंकज शरण ने रूस की समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती को दिए इंटरव्यू में कही है. 

शरण ने यह इंटरव्यू उस समय दिया है, जब नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन में 14 अक्तूबर को ब्रिक्स के मौके पर गोआ में मीटिंग होने वाली है. सम्भवत मोदी भी अपनी मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठएंगे. हालांकि रूस ने यह कह कर भारत की नाराजगी को नजर अंदाज सा किय है कि रूस अन्य देशो के साथ भी युद्धाभ्यास करता है. शरण ने कहा कि ब्रिक्स में अन्य मुद्दो के साथ आतंकवाद भी विचार का प्रमुख मुद्दा होगा क्योंकि सारी दुनिया आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित है.

 

 

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