इसे कहते हैं असली सरकार, जो हमेशा रहे जनता के साथ, किसी ओर ने भले न किया हो, लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसे कर दिखाया है. मुसीबत में फंसी एक महिला के ट्वीट पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास को छुट्टी के बावजूद दफ्तर खोलकर उसके बेटे को वीजा देने का निर्देश दिया. क्या यह पहले कभी सम्भव था.
हरियाणा के करनाल निवासी इस महिला के पति का सोमवार को निधन हो गया था. उसका बेटा अमेरिका में रहता है और दो दिन की छुट्टी होने की वजह उसे वीजा नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में उसके लिए अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होना असंभव हो गया था. लोग कह सकते हैं कि सुषमा स्वराज करनाल की हैं, कोई बहुत नजदीकी होगा,इस लिए वह सक्रिय हुई होंगी, मान लो यह सच भी हो, तो भी एक उदाहरण हो गया है, आगे कभी कोई इस उदाहरण को आधार बना कर इन्ही परिस्थितियो में दूतावास खोलने का आग्रह कर सकता है.
करनाल निवासी सरिता टकरू को जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर अपनी समस्या बताई और मदद की गुहार लगाई। उन्होंने मंत्री से अपने बेटे अभय कौल को वीजा दिलवाने की अपील की, जिससे कि वह अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो सके। सरिता के ट्वीट का सुषमा स्वराज ने तत्काल जवाब दिया।
उन्होंने ट्वीट किया “विजयादशमी और मोहर्रम पर वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास दो दिन के लिए बंद है। मैंने दूतावास को संदेश भेज दिया है। हम दूतावास खोलकर आपके बेटे को वीजा देंगे। ” स्वराज के निर्देश के तत्काल बाद भारतीय दूतावास ने सरिता से संपर्क किया और उनसे उनके बेटे की पूरी जानकारी मांगी, जिससे कि उसे तत्काल वीजा दिया जा सके।
सरिता टकरू ने बताया कि उनके पति का सोमवार को निधन हो गया। इसके बाद जब उन्हें पता चला कि भारतीय दूतावास दो दिन के लिए बंद है तो उन्हें बहुत गुस्सा आया। उन्होंने तत्काल विदेश मंत्री को ट्वीट किया। कहा कि मौजूदा हालात में उनके बेटे को बृहस्पतिवार तक वीजा नहीं मिल पाना क्या मानवीय है। उन्होंने मंत्री से अपने बेटे को वीजा दिलवाने की अपील की, जिससे कि उनके पति का अंतिम संस्कार हो सके। इसके जवाब में स्वराज ने ट्वीट कर सरिता के पति के निधन पर दुख जताया और कहा कि आप थोड़ा इंतजार कीजिए। हम आपकी मदद जरूर करेंगे।
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