प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरजिकल स्ट्राईक के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को फिर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई थी. सूत्रों ने बताया कि बैठक में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ साथ आंतरिक इलाकों में हालात के बारे में जानकारी दी गई।. एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ वीडियो रक्षा मंत्रालय को सौंप दिए हैं,लेकिन सेना और पूर्व सेना अधिकारी इन प्रमाणो को सार्वजनिक करने के पक्ष में नही है. क्योंकि ऐसा करने से आप्रेशन का तौर तरीका जाहिर हो जाएगा, इस लिए इस की कोई जरूरत नही. सूत्रो के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सेना की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सौंपे जाने के बाद ही सुरक्षा मामलों पर बनी सीसीएस की बैठक बुलाई थी.
हालांकि अब यह सरकार के ऊपर है कि इसे सार्वजनिक किया जाए या नहीं। लेकिन सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि सरकार इस कार्रवाई के सबूतों को सार्वजनिक नहीं करने के पक्ष में है। रिपोर्टों के अनुसार, यह 90 मिनट का ड्रोन के जरिये रिकार्ड किया गया वीडियो है, जिसमें सेना के आतंकी कैंपों पर किए गए हमले को रिकॉर्ड किया गया है. दूसरी ओर, सर्जिकल स्ट्राइक से बौखलाया पाकिस्तान लगातार इस प्रकार की कार्रवाई से इनकार कर रहा है. बता दें कि 28 सितंबर को सेना ने पीओके में आतंकी ठिकानों पर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को रिकॉर्ड किया था।
सूत्रों के अनुसार, एनएसए और खुफिया एजेंसियां सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो को सबूत के तौर पर जारी करने के खिलाफ है.
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