पटना। नीतीश कुमारऔर शरद यादव में घमासान और तेज हो गया है | शरद यादव ने जदयू पार्टी पर दावा जताया था तो नीतीश कुमार ने कह दिया है कि अगर उन्होंने पार्टी तोड़ने की कोशिश की तो राज्यसभा की सीट से भी हाथ धो बैठेंगे | अब इस जंग में आर-पर की लड़ाई होगा तय है। दोनों नेताओं में सुलह की संभावना कम नजर आ रही है।
हाल ही में शरद यादव ने जदयू पार्टी पर अपना अधिकार होने की बात की थी। उन्होंने कहा था कि इसली जदयू उनकी ही है। इतना ही नहीं खबर तो ये भी थी कि शरद जल्द ही चुनाव आयोग जाएंगे और जदयू पर अपना दावा पेश करेंगे। जिसके बाद अब नीतीश कुमार ने इसपर बड़ा बयान दिया है। शरद यादव के पार्टी तोड़ने वाले बयान पर नीतीश कुमार ने चुनौती दी है कि शरद पार्टी तोड़कर दिखाएं। नीतीश ने कहा कि अगर वह ऐसा करने के लिए जरूरी संख्या जुटा नहीं पाए तो उन्हें अपनी राज्यसभा सीट गंवानी पड़ सकती है।
बिना शरद यादव का नाम लिए नीतीश ने कहा, क्या आपके पास जेडीयू को तोड़ने के लिए पर्याप्त संख्या है? क्या आपके पास दो तिहाई विधायक और सांसद हैं? याद रखें कि अगर आप पार्टी नहीं तोड़ सके तो आपकी राज्यसभा सदस्यता भी जाएगी | बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बारे में यह भी कहा जा रहा है कि हमारा कोई जनाधार नहीं है, जबकि जनता दल यू का अपना जनाधार है। जिसके साथ जेडीयू होता है, वही चुनाव में जीतता है।
शरद यादव गुट ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में कार्यकारिणी की बैठक के समानांतर अलग जन अदालत लगाई। पूरे कार्यक्रम में सारे नेताओं ने जदयू पर शरद का अधिकार जताया और दूसरे गुट को सरकारी पार्टी बताया। शरद ने भी नीतीश का नाम लेने से परहेज किया और अपने समर्थकों से भी ऐसा ही आग्रह किया। इशारों में शरद ने नीतीश कुमार के लिए भविष्यवाणी करते हुए कहा कि महागठबंधन तोड़ने वालों को जनता माफ नहीं करेगी |
शरद यादव ने स्पष्ट कहा कि उनको बेघर करने की कोशिश की जा रही है। शरद ने बिहार में महागटबंधन टूटने को जनादेश के साथ विश्वासघात की बात करते हुए कहा कि यहां गठबंधन की सफलता के बाद आगे गठबंधन की योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि जनता दल के आकार को बड़ा जनता दल बनाना था। फंसे हुए कर्जों को निपटान मौजूदा नियम से संभव नहीं। राज्यसभा सदस्य अली अनवर ने कहा कि कुछ महीने पहले जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री के प्रतिद्वंद्वी बताए जा रहे थे, वे आज कहां हैं? कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री रमई राम ने कहा कि देश में अभी दो धाराएं हैं। एक मोहन भागवत की और दूसरा अंबेडकर की। रमई ने अपने समर्थकों से अंबेडकर का अनुसरण करने की अपील की।
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