नई दिल्ली | बिहार की राजीनीति में नया मोड़ आ गया है। जेडीयू विधायकों के साथ बैठक करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने शाम 6.44 पर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। नीतीश के इस्तीफे के बाद बिहार के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि हमने गठबंधन धर्म का पालन किया। उसी के मुताबिक काम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत उन्हें ट्विट कर बधाई दी | उस के तुरंत बाद सात बजे पटना में भाजपा विधायक दल की और दिल्ली में आजपा संसदीय दल की बैठक शुरू हो गई | उम्मींद है कि इतिश कुमार भाजपा के समर्थन से सरकार का गठन करेंगे |
बिहार में शराबबंदी लागू करके समाजिक सुधारों की नींच रखी। सभी जनप्रतिनिधियों के साथ काम किया। लेकिन इस बीच कई चीजें सामने आई। नीतीश ने कहा कि इस माहौल में काम करना संभव नहीं था।
उन्होंने कहा कि मैंने किसी से इस्तीफा नहीं मांगा। अब काम करना संभव नहीं हो पा रहा था। 20 महीने गठबंधन की सरकार चलाई। नीतीश ने कहा कि उन्होंने अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनी।
नीतीश कुमार ने इस्तीफे का ठीकरा लालू पर फोड़ा है। इस्तीफे के बाद बीजेपी के साथ सरकार बनाने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि जो बिहार के हित में होगा वहीं मंजूर होगा।
राज्यपाल ने नीतीश कुमार का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। आपकों बता दें कि पिछले 20 दिनों से लेकर जेडीयू और आरजेडी के बीच तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर गतिरोध जारी था।
मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर बिहार की राजनीति में जारी खींचतान बुधवार को अपने चरम पर पहुंच गई. जेडीयू विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से मिलने पहुंचे और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस तरह तेजस्वी के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन में चल रही राजनीतिक कलह खुलकर सामने आ गई और राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है.इससे पहले हुई आरजेडी की बैठक के बाद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर कहा था कि तेजस्वी यादव इस्तीफ़ा नहीं देंगे |
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी से इस्तीफ़ा मांगा ही नहीं है | लालू यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नीतीश पर डोरे डाल रही है, बीजेपी की लार नीतीश पर टपक रही है. उन्होंने कहा कि नीतीश से मेरी बात होती रहती है, वही महागठबंधन के नेता हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने भी कहा कि जनता ने महागठबंधन को चुना है, इस्तीफ़ा जब मांगा ही नहीं गया तो देने का सवाल ही नहीं है.
लेकिन सूत्रों का कहना है कि लालू यादव ने पार्टी की मीटिंग में अपने विधायकों से कहा था कि वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को हटा सकते हैं. भ्रष्टाचार के अन्य आरोपों में अदालत के आदेश के चलते लालू यादव अगले तीन दिन तक रांची में रहेंगे, ताकि वह मामले की सुनवाई में शामिल रहे सकें, लिहाज़ा उन्होंने अपने विधायकों से कोई यात्रा न करने और उनके वापस लौटने तक पटना में ही रहने को कहा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राज्य में विपक्षी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश पर बीजेपी की लार टपक रही है. वह महागठबंधन में दरार डालकर सत्ता में वापस आने की राह देख रही है लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश से बातचीत होती रहती है और सत्तारूढ़ महागठबंधन में कोई मतभेद नहीं है.
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