नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश की सबसे लंबी सुरंग को देश को समर्पित किया। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर चेनानी और नाशिरी के बीच देश की सबसे लंबी सुरंग बनाई गई है। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने खुली जीप में सुरंग का निरीक्षण कर किया । पीएम ने सुरंग के उद्घाटन के बाद उधमपुर में एक सभा को संबोधित भी किया
चेनानी से नाशरी के बीच बनी सुरंग देश की सबसे बड़ी सुरंग तो है ही सबसे स्मार्ट सुरंग भी है। इसमें विश्वस्तरीय खूबियां हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। सुरंग के भीतर ऐसे कैमरे लगे हैं जो 360 डिग्री व्यू देते हैं। साथ ही सुरंग में मोबाइल नेटवर्क से लेकर इंटरनेट तक चलता है।
9.2 किमी है देश की सबसे लंबी सुरंग
यह सुरंग 9.2 किलोमीटर की है, जो जम्मू के उधमपुर जिले के चिनैनी इलाके से शुरू होकर रामबन जिले के नाशरी नाला तक बनाई गई है। करीब तीन सौ किलोमीटर जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर 3720 करोड़ रुपयों की लागत से चिनैनी-नाशरी सुरंग बन कर तैयार हो गई है।
सुरंग में 124 सीसीटीवी कैमरे
चेनानी नाशरी सुरंग में CCTV कैमरे लगे हुए है, जिनके साथ ऑटोमैटिक इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम लगा हुआ है। कैमरों की मदद से सुरंग के भीतर हर गाड़ी की मूवमेंट पर नजर रखी जाती है। सुरंग में कुल 124 सामान्य CCTV कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही सुरंग के भीतर ट्रैफिक काउंटिंग कैमरे लगाए गए हैं, जो गाड़ियों की तादाद का हिसाब रखता है. इसके अलावा सुरंग के बाहर दोनों तरफ पैन टिल्ट जूम कैमरे लगाए गए हैं, जो 360 डिग्री पर गाड़ी के हर मूवमेंट पर नजर रखता है।
सुरंग में आपात सूचना की व्यवस्था
चेनानी नाशरी सुरंग में करीब 10 किलोमीटर लंबी सुरंग में खास FM फ्रिक्वेंसी पर गानें सुने जा सकते हैं। सुरंग में एंट्री से पहले वो खास फ्रिक्वेंसी सेट करना लिए फायदेमंद होगा क्योंकि किसी भी इमरजेंसी की हालत में उस FM पर जरूरी सूचना दी जाएगी।
सुरंग में 29 इमरजेंसी रास्ते
अमूमन सुरंग में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता लेकिन दिलचस्प ये कि चेनानी नाशरी सुरंग में मोबाइल भी काम करेगा और इंटरनेट भी। कई मोबाइल कंपनियों ने इसका खास ध्यान रखा है। चेनानी नाशरी सुरंग में बनाए गए आपातकालीन रास्ते इसे दूसरी सुरंगों से अलग करते हैं। पूरी सुरंग में 29 क्रॉस ओवर पैसेजेस बनाए गए हैं. जो सिर्फ आपात स्थिति में इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उन क्रॉस ओवर पैसेजेस से सुरंग में फंसे लोगों को फौरन बाहर निकाला जा सकता है या लोगों तक फौरन मदद पहुंचाई जा सकती है।
सुरंग बनाने में लगें करीब 5 वर्ष
हिंदुस्तान की सबसे लंबी सुरंग को तैयार करने में करीब पांच साल का वक्त लगा, लेकिन दिलचस्प ये है कि इन पांच वर्षों में हिमालय पर एक भी पेड़ नहीं काटे गए। इतना ही नहीं ज्यादातर स्थानीय लोगों को ट्रेनिंग देकर सुरंग के काम में लगाया गया। उम्मीद की जा रही है कि सुरंग की वजह से कश्मीर घाटी में कारोबार बढ़ेगा और सैलानियों की तादाद भी बढ़ेगी। चेनानी नशरी सुरंग धरती की जन्नत के लिए वाकई नायाब तोहफा है। ऐसा तोहफा जिसने घाटी को उम्मीदों की नई रोशनी दी है।
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