अमृतसर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हार्ट ऑफ एशिया के छठे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए बिना पाकिस्तान का नाम लिए, उस परअफ्गानिस्तान में आतंकवाद और अस्थिरता का आरोप लगाया.पीएम ने कहा, आतंकवाद, बाहर से भड़काई गई अस्थिरता अफगानिस्तान में शांति एवं स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं. हमें न सिर्फ आतंकवाद, बल्कि उनके खिलाफ भी ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है जो आतंकवादियों का समर्थन करते हैं, उन्हें शरण, प्रशिक्षण तथा वित्तीय मदद देते हैं.
मोदी ने कहा कि आतंक के खात्मे के लिए मिलकर आवाज उठानी होगी. सिर्फ बात नहीं, हमें मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा. इच्छाशक्ति दिखानी होगी। आतंक और उनके आका के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी। सिर्फ बात करने से कुछ नहीं होगा. आतंकवाद पर चुप रहने से इसे बढ़ावा मिलता है. आतंकी की फंडिंग पर भी रोक जरूरी है.
इस से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के साथ 4 देशों के विदेश मंत्रियों ने शनिवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री ने उनसे बातचीत के समय भी कहा कि अफगानिस्तान और क्षेत्र में स्थिरता के लिए आतंकवाद और हिंसा को खत्म करना महत्वपूर्ण है.किर्गिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान और स्लोवाकिया के विदेश मंत्री के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार अजीज ने हार्ट ऑफ एशिया के छठे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन से पहले मोदी से मुलाकात की.
यूरोपीय संघ, नाटो और शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन जैसे प्रमुख समूहों के साथ ही इस सम्मेलन में करीब 40 देश भाग ले रहे हैं. ‘हार्ट ऑफ एशिया- इस्तांबुल प्रोसेस’ में अफगानिस्तान के समक्ष पेश विभिन्न चुनौतियों पर विचार विमर्श किया जा रहा है जिसमें युद्धग्रस्त देश में शांति प्रक्रिया की बहाली भी शामिल है. शनिवार को भारत, चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान समेत 14 सदस्य देशों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा 17 समर्थक देशों के प्रतिनिधियों ने क्षेत्र के समक्ष मौजूद विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया जिनमें पेचीदा सुरक्षा परिदृश्य तथा आतंकवाद, कट्टरपंथ एवं चरमपंथ के खतरों से निपटने के तरीकों पर चर्चा शामिल थी. बैठक में अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद विरोधी क्षेत्रीय ढांचे के विचार पर बल दिया जिसमें सदस्य देशों पर यह बाध्यकारी प्रतिबद्धता डालने की बात कही गयी है कि वे आतंकवादी तंत्र से प्रभावी तरीके से निपटें.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश मंत्रियों का स्वागत किया और अफगानिस्तान को उसकी मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने में मदद करने के लिए क्षेत्र के सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान के आम लोगों और देश के नेतृत्व से कई दफे हुई बातचीत से उन्हें समझ में आया कि अफगान जनता लगातार हिंसा और आतंकवाद से थक गई है।
स्वरूप ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान तथा हमारे क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और विकास को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद और हिंसा को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया।’ इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि रविवार को होने वाला मंत्रिस्तरीय सम्मेलन अच्छे नतीजे देगा.
बैक ग्राऊंड
हार्ट ऑफ एशिया इस्तांबुल प्रोसेस को 2011 में शुरू किया गया था और इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, भारत, ईरान, कजाखस्तान, किीर्गिस्तान, रूस, सउदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. इस मंच को स्थापित करने का मकसद अफगानिस्तान और इसके पड़ोसियों के बीच सुरक्षा, राजनीति और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है. इसके समर्थक देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, मिस्र, फ्रांस, फिनलैंड, जर्मनी, इराक, इटली, जापान, नार्वे, पोलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन तथा अमेरिका शामिल हैं.
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