नई दिल्ली | मध्य प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया है। चुनाव आयोग ने विधानसभ सभा चुनाव के दौरान उन पर लगे पेड न्यूज के आरोप की जांच और सुनवाई के बाद मिश्रा की विधायकी को रद्द कर उनका चुनाव शून्य घोषित कर दिया है। उन्हें अगले तीन सालों तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है।
शिवराज सरकार में मिश्रा का स्थान दूसरे नंबर पर आता है। खबर है कि मिश्रा मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य और जनसंपर्क विभाग के अलावा कई जिम्मेदारियों को भी देखते हैं। नरोत्तम मिश्रा पर मध्यप्रदेश में 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पेड न्यूज और करप्ट प्रैक्टिस की शिकायत 2009 में दतिया के पूर्व विधायक ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी।
जिसके बाद ये मामला केंद्रीय चुनाव आयोग तक पहुंच गया। लंबे समय के बाद इस पर कार्रवाई की गयी है। वहीं, राजेंद्र भारती ने भी 2012 में चुनाव आयोग से मिश्रा की शिकायत की थी। भारती ने आरोप लगाया कि मिश्रा ने ही उनके खिलाफ झूठी खबर पेश करने के लिए पैसा दिया था।
नरोत्तम ने कहा था कि वे 2008 में उनके खर्चे से संबंधित किसी भी रिकॉर्ड को न दिखाए। इसके बाद मिश्रा ने चुनाव आयोग के फैसके को चुनौती देने के लिए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का सहारा लिया। लेकिन दोनों ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों ने ही मिश्रा की याचिका को खारिज कर दिया है।
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