लखनऊ। नसीमुद्दी सिद्धीकी को पार्टी से निकालने के बाद उन्होंने बसपा और पार्टी प्रमुख मायावती के खिलाफ हमलावर रुख अपना लिया है। नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने आरोप लगाया कि मायावती ने तो पार्टी के संस्थापक कांशीराम को भी नहीं बख्शा। नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने आरोप लगाया कि मुझे और मेरे बेटे अफजल पर बेबुनियाद आरोप लगाया गए हैं।
मायावती पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मायावती ने मुझसे कहा कि चाहे अपनी प्रॉपर्टी बेच दो लेकिन मुझे 50 करोड़ हर हालत में चाहिए। नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने यह भी कहा कि जब मेरी बेटी की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी तो मेरी पत्नी ने कहा कि वो अब नहीं बचेगी इसलिए आकर उससे मिल लो। लेकिन मायावती ने चुनाव प्रचार की वजह से मुझे बेटी से मिलने से मना कर दिया। फिर मेरी बेटी मर गई तब मायावती ने कहा कि अब जाकर क्या करोगे , जो होना था वह हो चुका है।
नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के बाद मायावती ने मुझे और मेरे बेटे अफजल को दिल्ली बुलाया और पूछा कि इस चुनाव में बसपा को मुसलमानों ने वोट क्यों नहीं किया ? मैंने कहा कि मुस्लिम वोटर कांग्रेस और सपा गठबंधन की वजह से कंफ्यूज हो गए थे फिर भी ज्यादा वोट बसपा को ही मिला है। इस पर उन्होंने मुस्लिमों को गालियां दी। जब मैंने गाली देने से मना किया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चुनाव नतीजे के बाद मायावती ने ब्राह्मण और मुस्लिमों को जमकर गालियां दी और उनकी तुलना कुत्ते से की।
नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने आगे कहा कि मायावती से मिलने जो कोई जाता है हर किसी की तलाशी होती है। केवल सतीश चंद्र मिश्र और उनके दामाद की तलाशी नहीं ली जाती है। जब मैंने इस तलाशी सिस्टम का विरोध किया तो मायावती नाराज हो गईं। नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने कहा कि मैं पार्टी के साथ तीन दशकों से काम कर रहा हूं लेकिन चुनाव नतीजे के बाद मुझे मालूम था कि मुझे पार्टी से निकाल दिया जाएगा। मुझसे कहा गया कि जो चुनाव जीते हैं या फिर हारे हैं तुम सभी से पैसे इकट्ठा करो पार्टी को पैसे की जरूरत है। नसीमुद्दीन सिद्धीकी ने मायावती के साथ बातचीत का ऑडियो भी जारी किया है।
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