भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते जहां बेहद तल्खी के दौर से गुजर रहे हैं, वहीं पूर्व विदेश सचिव शिव शंकर मेंनन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. मेनन ने दावा किया है कि 2008 में मुंबई हमले के बाद उन्होंने कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार के समक्ष आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोयबा के पाकिस्तान के मुरीदके स्थित मुख्यालय और पीओके में आतंकवादी कैंपों को तबाह करने का प्रस्ताव रखा था.
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक संप्रग सरकार के समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे मेनन का कहना है कि उन्होंने मुंबई में आतंकवादी हमले के बाद तुरंत सैन्य कार्रवाई पर जोर दिया था. मेनन ने दावा किया है कि मुंबई हमले के तुरंत बाद यदि सैन्य कार्रवाई की जाती तो यह 'भावनात्मक रूप से संतुष्टि देने वाला होता.'
शिव शंकर मेनन के मुताबिक 2008 में मुंबई हमले के बाद उन्हें लगता था कि 3 दिन चले मुंबई हमले को पूरी दुनिया में टेलीविजन पर दिखाया गया, जिससे भारतीय पुलिस और सुरक्षाबलों की छवि पर असर पड़ा. मेनन 26/11 मुंबई हमले के दौरान विदेश सचिव थे जो आगे चलकर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने.मेनन ने हाल ही में एक किताब (च्वाइसेस: इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडिया फॉरेन पॉलिसी) लिखी है, जिसमें इन बातों का जिक्र किया गया है.
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