बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को साफ कर दिया कि फिलहाल वे अपनी मंत्रिमंडल सहयोगी और समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा से इस्तीफ़ा नहीं ले रहे हैं | उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि उनकी मुजफ्फरपुर कांड में संलिप्तता का सबूत दें तो वे इस्तीफ़ा ले लेंगे |
नीतीश ने कहा कि फिलहाल वह मंजू वर्मा से इस्तीफा नहीं ले रहे हैं क्योंकि अकारण किसी को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है? मंत्री ने खुद सफाई भी दी है, लेकिन नीतीश ने विपक्ष से पूछा कि आखिर वह डेढ़ महीने के बाद कैसे जागा? उन्होंने मंत्री के खिलाफ सबूत लाने की भी चुनौती दी|
हालांकि नीतीश ने कहा कि मंत्री के निर्णय पर कुछ हुआ है, तो मंत्री भी जाएंगी. उन्होंने मंत्री के पति पर इशारे ही इशारे में कहा कि अगर मंत्री से जुड़ा कोई व्यक्ति संलिप्त पाया गया तो उस पर कार्रवाई होगी | नीतीश के तेवर से साफ था कि अगर सीबीआई जांच के घेरे में मंजू वर्मा आएंगी तो उनका इस्तीफा लिया जाएगा |
बिहार भाजपा के नेताओं में मंजू वर्मा को लेकर फूट पड गई है , जहां दो सांसदों ने मंजू के इस्तीफे की मांग की है , वहीं वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि बिहार के राजनीतिक मामलों में केवल उनका, राज्य पार्टी के अध्यक्ष नित्यानंद राय और बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव के बयान आधिकारिक माने जाने चाहिए |
मोदी ने सोमवार को जन संवाद के बाद अपनी पार्टी के दो संसदों डाक्टर सी पी ठाकुर और गोपाल नारायण की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के इस्तीफ़े की मांग को खारिज करते हुए कहा कि ये उनका आधिकारिक बयान नहीं बल्कि निजी राय है. पार्टी में हज़ारों नेता हैं और लोकतंत्र में सबको अपनी निजी राय रखने का अधिकार है |
मंजू वर्मा के इस्तीफे की मांग को खारिज करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि कोई प्रमाणिक सबूत उनके खिलाफ किसी ने पेश नहीं किया और बिना सबूत के किसी पर आरोप लगा देने से उसका इस्तीफा कैसे मांगा जा सकता है? सुशील मोदी ने न केवल मंजू वर्मा बल्कि अपने पार्टी के मंत्री सुरेश शर्मा के इस्तीफे की विपक्ष की मांग को नकारते हुए उन्हें कुछ सबूत तो पेश करने की चुनौती दी |
आपकी प्रतिक्रिया