ममता ने शांत गोरखालैंड में भाषा की आग लगा दी

Publsihed: 09.Jun.2017, 09:43

कलकत्ता। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की तरफ से राज्य के सरकारी स्कूलों में बंगाली भाषा को अनिवार्य किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के आंदोलन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। इस दौरान जीजेएम के समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों ने पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर दिया और उन पर पथराव भी किया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले का सहारा भी लिया है। राज्य में गंभीर हालात के मद्देनजर सरकार ने सेना की तैनाती करने का फैसला किया है। बता दें कि गुरुवार को हुई इस झड़प में 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर सीएम ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग में आला अधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक के सिलसिले में पूरी कैबिनेट के अलावा मुख्य सचिव, गृह सचिव और सरकार के तमाम आला अधिकारी शहर में ही मौजूद थे। रक्षा सूत्रों के मुताबिक बंगाल सरकार के आग्रह पर दार्जिलिंग में सेना तैनात की जा रही है।

मुख्यमंत्री बनर्जी द्वारा राज्य के हर स्कूल में बंगाली भाषा को अनिवार्य किए जाने के बाद से ही उत्तर बंगाल में राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है। इस क्षेत्र में दबदबा रखने वाली जीजेएम बनर्जी की इस घोषणा से नाखुश है। बनर्जी ने सोमवार को यह घोषणा कर स्थिति को शांत करने की कोशिश की थी कि दार्जिलिंग, दोआर और तराई के इलाकों के स्कूलों में बंगाली भाषा अनिवार्य नहीं होगी।

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