श्रीनगर | जम्मू कश्मीर में चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो की सच्चाई अब सामने आ गई है जिसमें भारतीय सेना एक पत्थरबाज को जीप में आगे बांधकर घुमाती नजर आ रही थी। इस सच्चाई का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि उस आर्मी अफसर ने की है जो उस वक्त जीप चला रहा था। पत्थरबाज़ को आगे बांधकर जीप चलाने वाले मेजर लितुल गोगोई ने बताया कि उस वक्त कुछ लोग हमपर पत्थरों और पेट्रोल बम से हमला कर रहे थे। इन्ही लोगों से बचने के लिए हमने यह कदम उठाया था।
मेजर लितुल गोगोई ने बताया जीप में पत्थरबाज को बांधने की वजह
मेजर ने घटना को विस्तार से बताते हुए कहा कि हम चुनाव ड्यूटी में सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। हम सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने और पोलिंग बूथ की सुरक्षा जांचने के लिए मतदान केंद्र पर गए थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने हम पर पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। पथराव करते हुए लोगों ने हम पर पेट्रोल बम फेंकना शुरू कर दिया। मैंने स्थानीय लोगों को बचाने के लिए यह कदम उठाया।
मेजर लितुल गोगोई ने कहा कि मैंने बिना एक भी बुलेट चलाए या किसी की भी पिटाई किए कई लोगों की जान बचाई। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मैं अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदार था, मुझे किसी चीज का डर नहीं था। उन्होने कहा कि चारों तरह से पत्थर चलाए जा रहे थे लेकिन हमने आसानी से चुनाव करवाएं। गोगोई का मानना है कि उन्होंने जो भी किया वो सही था। अगर आपकी नियत सही है तो आपको कुछ नहीं हो सकता। हमेशा सकरात्मक रहो, कड़ी मेहनत करो और चीजें अपने आप सही हो जाती है।
आपको बता दें कि बीते अप्रैल माह में श्रीनगर में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान यह वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में भारतीय सेना की जीप के आगे एक आदमी बंधा नजर आ रहा था, जिसे कथित रूप से पत्थरबाज़ बताया जा रहा था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सेना को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा था। इस मामले में सेना ने जीप चलाने वाले मेजर गोगोई के खिलाफ जांच के आदेश भी दिए थे। हालांकि जांच के बाद उन्हे क्लीनचिट भी दे दिया गया था। सोमवार को राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर लितुल गोगोई को आर्मी चीफ की ओर से इस घटना के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है।
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