यूपी के मदरसों में पढाई जाएँगी एनसीआरटी की किताबें

Publsihed: 30.Oct.2017, 19:01

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मदरसों और इस्लामी शैक्षणिक संस्थानों में भी अब एनसीईआरटी की पुस्ताकों से पढ़ाया जाएगा। राज्य मदरसा बोर्ड ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इस बात की जानकारी खुद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ट्वीट करके दी है।

प्रदेश उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ट्वीट करके बताया कि, ‘मदरसों में एनसीईआरटी किताबों से होगी पढ़ाई, आधुनिक विषयों के साथ स्कूलों के संग करेंगे बराबरी, आलिया स्तर पर गणित और साइंस होगी अनिवार्य। राज्य मदरसा बोर्ड विद्यार्थियों को सीबीएससी स्कूलो में पढ़ाये जा रहे एनसीईआरटी कोर्स के तहत चयनित किताबों को पढ़ाये जाने की तैयारी में जुट गया है और मदरसा स्कूलों में गणित तथा विज्ञान की पढ़ाई को अनिवार्य किये जाने की तैयारी की जा रही है। सरकार से हरी झंडी मिलते ही मदरसा बोर्ड एनसीईआरटी की किताबें शामिल करेगा।’

राज्य सरकार के इस प्रस्ताव का मदरसों ने स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश के मदरसा शिक्षा परिषद के पंजीयक राहुल गुप्ता ने कहा कि, पाठ्यक्रम की समीक्षा की बात चल रही है और मदरसा बोर्ड सभी कक्षाओं में नये पाठ्यक्रम लाने पर विचार कर रहा है। मदरसा बोर्ड सभी कक्षाओं में नए सिलेबस लाने पर विचार कर रहा है इसके साथ ही एनसीईआरटी की किताबों से शिक्षा दिलायी जाएगी। उन्होंने बताया कि मौजूदा सिलेबस के दो भाग होते हैं, एक दीनी सिलेबस यानि धर्म से जुड़ा होता है, जिसमें कोई बदलाव नहीं किये जायेंगे।

दूसरा, बोर्ड पारम्परिक शिक्षा के सिलेबस को बदलने की तैयारी कर रहा है जिसमें समय की मांग को लेकर सिलेबस में परिवर्तन किया जाएगा। नए सिलेबस में आधुनिक विषयों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि, हिंदी और अंग्रेजी को छोड़कर मदरसों में अन्य विषयों की सभी किताबें उर्दू में होंगे, जिनमें गणित और विज्ञान शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों में शिक्षा को सुव्यवस्थित करने के लिए राज्य सरकार ने एनसीईआरटी किताबों से शिक्षा दिए जाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने इससे पहले मदरसों के संचालन में पारदर्शिता लाने के लिये बोर्ड का एक वेब पोर्टल बनाया है और आदेश दिए थे कि सभी मदरसे अपने यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों की संख्या तथा उनके वेतन एवं मदरसे के प्रबन्धन समेत कई चीजों के बारे में सूचना अपलोड करें। प्रदेश के 19 हजार मान्यता प्राप्त मदरसों में से करीब 2500 ने उक्त सूचना पोर्टल पर नहीं डाली है जिसपर सरकार कार्वाई करने का विचार कर रही है।

आपकी प्रतिक्रिया