असम में भाषाई एंव साम्प्रदायिक तनाव

Publsihed: 07.Mar.2017, 21:37

गुवाहाटी। भाषाई अल्पसंख्यक संगठन के सदस्यों द्वारा सोमवार को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के कार्यालय पर हमला और तोड़-फोड़ किए जाने के बाद मंगलवार को असम के सिलापथार शहर में तनाव जैसी स्थिति बन गई है। हिंसा को लेकर धेमाजी जिला प्रशासन ने सोमवार की रात इलाके में कर्फ्यू लगा दिया और सेना ने शहर और आसपास के इलाकों में लोगों में भरोसा बनाए रखने के लिए मंगलवार को फ्लैग मार्च निकाला।

निखिल भारत बंगाली उड्डस्तु समन्वय समिति (एनबीबीयूएसएस) द्वारा सोमवार को निकाली रैली हिंसक हो गई और संगठन सैकड़ों सदस्यों ने सिलापथार स्थित आसु के कार्यालय पर हमला कर दिया। इस दौरान हमलावरों ने असम वासियों और असम संधि के खिलाफ नारे लगाए।

एनबीबीयूएसएस के कुछ नेताओं ने कथित तौर पर सोमवार के पहले हुई बैठक में भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके बाद इस रैली का आयोजन किया गया था। एनबीबीयूएसएस के सदस्यों ने रैली के दौरान कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की और राहगीरों पर भी हमला किया।

उन्होंने हिंसा रोकने की कोशिश में जुटे पुलिस कर्मियों के साथ भी झड़प की।असम के संसदीय मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की तरफ से विधानसभा को बताया, “सिलापथार की स्थिति अब नियंत्रण में है और पुलिस ने अब तक हिंसा में कथित तौर पर शामिल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।” उन्होंने कहा, “अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. बी. प्यारेलाल को मामले की जांच करने और 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।”आसू ने हिंसा के खिलाफ दर्ज कराई गई प्राथमिकी में पांच लोगों का नाम दिया है।

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