लालू फंसे, चारा घोटाले के पांच और केस चलेंगे

Publsihed: 08.May.2017, 14:46

नई दिल्ली |  बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। चारा घोटाला से संबंधित अलग-अलग मामले में उनके खिलाफ केस चलेगा। झारखंड हाई कोर्ट से लालू यादव को मिली राहत को अस्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की दलील को स्वीकार कर लिया है । अब लालू, जग्गन नाथ मिश्र और सजल चक्रवर्ती पर मुकद्दमा चलेगा |

झारखंड हाई कोर्ट ने साजिश और अन्य धाराएं हटा दी थीं, लिहाजा लालू यादव की दलील थी कि एक ही मामले के लिए अलग-अलग केस नहीं चल सकते। वहीं सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और कहा था कि साजिश का केस चलना चाहिए साथ ही अलग-अलग केस चलना चाहिए, क्योंकि हर केस में उनका रोल अलग-अलग है। अब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की दलील को स्वीकार कर लिया है और इस तरह अब लालू यादव के खिलाफ अलग-अलग केस चलता रहेगा और आपराधिक साजिश का चार्ज फेस करना होगा।

दरअसल सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले में अतिरिक्त धारा में चार्ज लगाने की गुहार लगाई थी। हाई कोर्ट ने साजिश आदि का चार्ज हटा दिया था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लालू यादव पर 6 अलग अलग मामले पेंडिंग हैं। इनमें से एक में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है और मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है।

मामले की सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की तरफ राम जेठमलानी ने कहा था कि सभी मामलों में आरोप एक जैसे हैं, इसलिए मामले को लेकर दर्ज किए गए अलग-अलग केसों को सुनने की जरूरत नहीं है। वहीं सीबीआई की तरफ से रंजीत कुमार ने कहा था कि लालू प्रसाद के खिलाफ 6 अलग-अलग मामले दर्ज हैं। जिनमें से 1 मामले में वह दोषी करार दिए गए हैं और मामला हाई कोर्ट में लंबित है। 

सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कुछ धारओं में केस रद्द कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने साजिश का चार्ज रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि लालू यादव पर सबूत नष्ट करने की धारा-201 और आईपीसी की धारा-511 के तहत केस चलेगा। 

लालू यादव की ओर से पेश राम जेठमलानी ने दलील दी थी कि तमाम आरोप एक जैसे हैं ऐसे में अलग-अलग केसों में सुनवाई नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की दलील खारिज करते हुए सीबीआई की अपील स्वीकार कर ली है। 

पटना: इस बीच चारा घोटाले उजागर करने वाले सुशील मोदी ने एक न्यूज चैनल से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार दरअसल मुकदमों में फंसे 'कमजोर' लालू का साथ पसंद करेंगे. लालू कमजोर रहेंगे तो नीतीश के लिए सरकार चलाना आसान होगा. लालू के कमजोर होने पर सरकार में हस्तक्षेप कम हो जाएगा. लालू के बेटे घुटने टेककर नीतीश के सामने रहेंगे.

नीतीश बीजेपी के साथ अच्छे थे आरजेडी के साथ नहीं? इस सवाल के जवाब पर सुशील मोदी ने कहा कि यह तो जनता और खुद नीतीश कुमार दोनों ही जानते हैं. बीजेपी के साथ उनके जीवन का स्वर्णिम समय था. गठबंधन टूटने के बाद बिहार की क्या दुर्दशा हो रही है यह सब जानते हैं. लालू यादव कई घोटालों और शहाबुद्दीन से बातचीत का टेप सामने आने को लेकर फंसे हैं. नीतीश यह अच्छी तरह जानते हैं कि लालू अब दबे रहेंगे.यह उनके लिए फायदेमंद है.

अगर नीतीश कुमार लालू यादव का साथ छोड़ देंगे तो क्या बीजेपी समर्थन देगी? इस सवाल के जवाब में सुशील मोदी ने कहा कि लालू का साथ नीतीश कभी नहीं छोड़ेंगे. लालू अपने मुकदमों में फंसे रहेंगे और नीतीश को कमजोर अलायंस चाहिए. उन्हें मजबूत पार्टनर नहीं चाहिए. आरजेडी से कमजोर पार्टनर उन्हें नहीं मिल सकता. 

आप आरजेडी को कमजोर कह रहे हैं, लेकिन आप भी लालू को ही निशाना बनाते दिख रहे हैं, नीतीश या जेडीयू को नहीं... इस सवाल के जवाब में सुशील मोदी ने कहा कि  ऐसा नहीं है. हम नीतीश के सुशासन और विकास की पोल हर रोज खोलते हैं. 

क्या लालू यादव पर घोटाले के आरोपों से जुड़े सभी दस्तावज सरकार से ही आ रहे हैं? इस पर सुशील मोदी बोले कि ऐसा नहीं है कि सारे दस्तावेज वहीं से आ रहे हैं, हां कुछ दस्तावेज सरकार के अंदर से आ रहे हैं. 

 

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