रायपुर | तीन राज्यों के जंगलों में आतंक का पर्याय बन चुके चन्दन तस्कर वीरप्पन को मार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले जाबांज रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी के. विजय कुमार को अब एक नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ में सुकमा में 25 जवानों की शहादत का बदला लेने के लिए के.विजय कुमार को चुना है। नक्सलियों के खात्मे की जिम्मेदारी उठाते हुए वे रविवार को सुकमा भी पहुंच चुके हैं।
रायपुर पहुँचते ही उन्होंने एक बैठक ली, जिस में बस्तर रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि ये अधिकारी आपस में विचार-विमर्श कर नक्सलियों से निपटने की रणनीति तैयार करेंगे। विजय कुमार सीआरपीएफ के डीजी भी रह चुके हैं। यही वजह है कि केन्द्र ने अब के विजयकुमार को नक्सलियों के खात्मे की अहम जिम्मेदारी दे दी है। इससे पहले भी वे बस्तर में नक्सलियों के सफाए के लिए जिम्मेदारी निभा रहे थे,लेकिन पूरी तरफ आपरेशन में शामिल नहीं थे ,वह समय-समय पर नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा करने बस्तर पहुंच रहे थे।
वर्ष 2010 में जब दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 76 जवानों की मौत हो गई थी तब भी नक्सलियों से लड़ने के विजय कुमार के मॉडल पर ही अमल किया गया था। टेक्निकल टीम, इंटेलीजेंस विंग, लोकल इंटेलीजेंस, डॉग स्क्वायड, सहित कई टीमों के बीच समन्वय बनाकर नक्सलियों के खिलाफ मुहिम छेड़ी गई थी, जिससे टॉप ऑर्डर के नक्सलियोंम में अधिकांश को निपटाया जा सका।
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