नई दिल्ली: दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए सोमवार को पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। आप ने यह निर्णय सोमवार शाम को हुई PAC की बैठक के दौरान लिया। इससे कुछ देर पहले ही कपिल मिश्रा ने PAC सदस्यों को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर आप में हिम्मत है उन्हें पार्टी से निष्कासित करके दिखाए।
आपको बता दें की कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाया थे। उनका आरोप था कि केजरीवाल ने अपने रिश्तेदार की 50 करोड़ की जमीन के सौदे में दो करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। उनके इस आरोप के बाद आप केजरीवाल के बचाव में उतर आई थी।
आप नेता संजय सिंह ने केजरीवाल का बचाव करते हुए कपिल मिश्रा के खिलाफ सवालों की झड़ी लगा दी थी। संजय सिंह ने कपिल मिश्रा पर हमला बोलते हुए कहा था कि जिस तरह के आरोप मिश्रा ने लगाए हैं, उससे स्पष्ट होता है कि उनका इस्तेमाल केजरीवाल तथा दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।
संजय सिंह ने कहा था कि मिश्रा अब भाजपा तथा कांग्रेस की भाषा बोल रहे हैं। वह वही बातें कह रहे हैं, जो कुछ महीनों पहले दोनों पार्टियां कहती थीं। इससे यह स्पष्ट हो चला है कि इसके पीछे कौन है। बर्खास्तगी के एक दिन बाद मिश्रा ने आरोप लगाया कि उन्होंने केजरीवाल को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री से दो करोड़ रुपये स्वीकार करते देखा।
संजय सिंह के इन आरोपों का जवाब देते हुए कपिल मिश्रा ने सोमवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेस का आयोजन कर आरोपों के रूप में उस सवालों का जवाब दिया जिसे संजय सिंह ने दागा था। कपिल मिश्रा ने बताया कि केजरीवाल के जिस रिश्तेदार की जमीन सौदे के लिए केजरीवाल को दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी, वह कोई और नहीं बल्कि केजरीवाल के साढू हैं।
साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि पंजाब विधानसभा और दिल्ली नगर निगम चुनाव में पैसे लेकर टिकट दिए गए। इसी के साथ उन्होंने सभी मंत्रियों की फाइल रामलीला मैदान में सार्वजनिक करने के साथ पार्टी कभी नहीं छोड़ने का एलान किया।
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