नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि की याचिका पर सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने अरुण जेटली के खिलाफ अपनी पुरानी खुन्नस भी जम कर निकाली । जेटली और जेठमलानी के बीच हुए सवाल-जवाब में दोनों तरफ के वकीलों में भी कई बार तीखी नोक-झोक हुई। कोर्ट रजिस्ट्रार के बीच-बचाव के बाद दोनों पक्षों को मुश्किल से शांत कराया गया।
राम जेठमलानी बचाव पक्ष यानि केजरीवाल के वकील हैं , जिन की अरुण जेटली से वाजपेयी सरकार के समय से पुरानी खुन्नस है | मंगलवार को भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी।सुनवाई के दौरान जेटली काफी भावुक होते नज़र आए | उन्होंने कहा कि 'मेरे ख़िलाफ़ जो भी आरोप लगाए गए वे मीडिया मे लगाये गए,पार्लियामेंट मे भी इसी तरह के सवाल खड़े किये गए, मेरी छवि को ख़राब करने की कोशिश की गई और ये लगातार 5 दिन तक किया गया | मेरी छवि को जिस तरह से ख़राब किया गया उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती और ये तब भी किया जाता रहा जबकि की मैं इन आरोपो का लगातार खंडन करता रहा |'
दिल्ली हाइकोर्ट में जेठमलानी ने जेटली से पूछा - इसके पीछे कोई परोक्ष तर्कसंगत कारण तो नज़र नहीं आता सिवाय इसके कि आप खुद अपने बारे में ऐसा सोचते हैं? इस पर जेटली ने जवाब दिया - मेरे सम्मान को पहुंचे नुकसान के लिए जो मैंने कीमत लगाई है वो उस बड़ी क्षति का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है जो दरअसल मुझे पहुंची है. कोर्ट में आज राम जेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए | इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई यानि 8,9 सवालो को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया |
जेठमलानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है और यही वजह है कि वह कह रहे हैं कि इसे मापा नहीं जा सकता? उन्होंने पूछा कि जेटली को ऐसा क्यों लगता है कि उनको पहुंचे नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती? जेटली ने कहा 'मेरी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस की कुछ हद तक कीमत में आंका जा सकता है | सम्मान के खोने से बदनाम हुए व्यक्ति को दिमागी तनाव पहुंचता है और मेरे साथ भी यही हुआ है |' जेटली ने आगे कहा 'मेरे ओहदे, बैकग्राउंड और प्रतिष्ठा को देखें तो मेरे सम्मान को इतना बड़ा नुकसान पहुंचा है कि उसे मापा नहीं जा सकता |'
इस पर जेठमलानी ने पलटवार करते हुए कहा 'दूसरे शब्दों में यह आपका मानना है कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं मापा जा सकता |' इस पर फिर जेटली ने जवाब दिया कि उन्होंने यह सब उन विचारों के आधार पर कहा है जो उनके दोस्त, शुभचिंतक और अन्य लोग, निजी और सार्वजनिक तौर पर इस विषय पर जाहिर कर चुके हैं |
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब जेटली दिल्ली क्रिकेट बॉडी के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का मुकदमा दायर किया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई. पिछली सुनवाई में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी.जेटली ने कहा मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी राजनीतिक आलोचना को लेकर कुछ भी नहीं कहा। लेकिन इस बार मुझे कोर्ट आकर मानहानि का केस करना पड़ा क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किए गए।
जेटली ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं 1977 से वकालत कर रहा हूं। राज्यसभा में विपक्ष का नेता रहा हूं। समाज, परिवार और दोस्तों के बीच में मेरी छवि साफ है। मीडिया रिपोर्ट से मुझे पता लगा कि दिल्ली सचिवालय में जो रेड हुई उनमें केजरीवाल की तरफ से कहा गया कि ये मेरे कहने पर हुआ है। लेकिन, मुझे रेड की कोई जानकारी नहीं थी। इस रेड के बाद ही मेरे ऊपर डीडीसीए से जुड़ी चीजों को लेकर मुझे निशाना बनाया गया।
जेटली ने अपने बचाव में कहा कि नौकरशाही पर उन्होंने कभी कोई दवाब नहीं डाला, और न ही डीडीसीए से जुड़ी कोई रिपोर्ट मन मुताबिक बनाने के लिए कभी कोई मीटिंग की या दबाव डाला। जो कुछ भी मेरे बारे में कहा गया उसे प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, और सोशल मीडिया पर बार-बार दिखाया गया |
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