नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम तथा उनके बेटे के घरों के साथ राजद प्रमुख लालू प्रसाद से जुड़ी संपत्तियों की तलाशी में सरकारी एजेंसियों का पक्ष लिया. 50 से ज्यादा ठिकानों पर की गई कार्रवाई के पक्ष में जेटली मंगलवार को कहा कि कुछ लोगों के लिये अब हिसाब देने का समय आ गया है. जेटली ने कहा कि लोगों ने जो गड़बड़ी की है, उसका उन्हें जवाब देना ही होगा. जेटली ने कहा कि कर विभाग या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) तब तक कार्रवाई नहीं करता जब तक कि उसका कोई ठोस आधार और संदेह का ठोस कारण नहीं होता.
वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, "अब सत्ता में बैठे लोग बेनामी कंपनियों के जरिये संपत्ति खरीद रहे हैं, यह कोई मामूली बात नहीं है. मुझे लगता है कि बहुतों के लिये हिसाब देने का समय आ गया है, उनको जवाब देना ही होगा." जेटली विपक्ष के इस अरोप के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि सरकार उसके (विपक्ष के) खिलाफ सीबीआई तथा कर विभाग का दुरपयोग कर रही है.
उन्होंने कहा, "जब तक कर चोरी हो या अपराध के मामले के संदेह का कोई ठोस अधार या कारण नहीं होता है, ये विभाग कार्रवाई नहीं करते. क्योंकि अंतत: जो भी कार्रवाई की जाती है, उसका कुछ न कुछ परिणाम जरूर होता है." सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लि. की हिस्सेदारी विदेशी इकाइयों को बेचने के लिये 2007 में मंजूरी दिए जाने में कथित रूप से हुए आपराधिक कदाचार के संबंध में पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम तथा उनके बेटे कार्ती के घरों की तलाशी ली. इसके अलावा आयकर विभाग ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद और अन्य से जुड़े 1,000 करोड़ रुपये के कथित बेनामी सौदों के आरोप में दिल्ली और आसपास के कम-से-कम 22 ठिकानों पर छापे मारे और तलाशी ली.
चेन्नई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के आवास पर सीबीआई ने छापा मारा है. सूत्रों के मुताबिक आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश पर क्लीयरेंस देने के मामले में यह छापेमारी की गई है. सोमवार को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. चिदंबरम के घर समेत चेन्नई में 14 जगहों पर छापे मारे गए हैं. सूत्रों के मुताबिक कथित रूप से कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उनकी कंपनी ने आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश के मामले में क्लीयरेंस दिलाने की एवज में 2008 में रिश्वत ली थी. पी चिदंबरम कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक हैं और मनमोहन सिंह सरकार में वित्त मंत्री और गृह मंत्री रह चुके हैं. उस दौरान आईएनएक्स मीडिया पर पूर्व मीडिया टायकून पीटर मुखर्जी और पत्नी इंद्राणी मुखर्जी का स्वामित्व था जोकि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में हैं.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक वे इस मामले की जांच कर रहे हैं कि कार्ति चिदंबरम की कंपनी को आईएनएक्स मीडिया समूह से 10 लाख रुपये मिले थे. उसके बदले में कार्ति की कंपनी ने आईएनएक्स मीडिया को चार करोड़ रुपये पाने के लिए एफआईपीबी यानी फॉरेन एक्सचेंज प्रमोशन बोर्ड क्लीयरेंस दिलाने में मदद की थी. वास्तव में आईएनएक्स को इसके जरिये चार करोड़ नहीं बल्कि 305 करोड़ रुपये मिले थे.
सीबीआई की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि इसके माध्यम से सरकार मेरी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है. लेकिन इसके बावजूद मैं यह कहना चाहूंगा कि मैं सरकार के खिलाफ लिखता और बोलता रहूंगा. इस संबंध में कांग्रेस के प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''यह लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए और एक धारणा विकसित करने के लिए किया गया है.''
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