जब "तोप" मुकाबिल हो तो "बयान" निकालो

Publsihed: 25.Sep.2016, 12:10

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक भी अब सोशल मीडिया पर उन का वह वीडियो अप लोड कर रहे हैं, जिस में उन्होने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने की बात कही थी. लोकसभा चुनावो के दौरान रजत शर्मा की लोकप्रिय आप की अदालत कार्यक्रम में मोदी ने तब की यूपीए सरकार का मजाक उडाते हुए यह बात कही थी. उरी के वारदात को आज एक सप्ताह हो गया है. अगला रविवार आ गया है, एक सप्ताह पहले जनता में जो गुस्सा था, वह गुस्सा अब मोदी सरकार की ओर मुड रहा है. नरेंद्र मोदा ने करीब एक सप्ताह बाद शनिवार को कोझीकोड में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत उसे दुनिया भर में अलग-थलग कर देगा, लेकिन न तो उन का यह बयान सोशल मीडिया में वायर्ल हुए वीडियो से मेल खाता है, न उन के कट्टर समर्थक संतुष्ट दिखई दे रहे हैं. 

इस बीच ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए नरेंद्र मोदी ने देश वासियो के लिए एक ओर बयान निकाला है. देशवासियों को संबोधित करते हुए इन्होने कहा कि हमें हमारी सेना पर नाज है। उन्होंने कहा सेना बोलती नहीं है पराक्रम दिखाती है और सेना अपने पराक्रम से हर साजिश को नाकाम करेगी। यह 'मन की बात' का 24वां संबोधन था। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के माध्यम से किया गया।

पीएम मोदी ने कहा, 'मैं उरी के शहीदों को सलाम करता हूं, उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं। उरी हमले के साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा।' उड़ी हमले के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली 'मन की बात' थी।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में 11वीं के एक छात्र हर्षवर्धन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि हर्षवर्धन ने उड़ी हमले को लेकर उन्हें पत्र लिख कर कहा कि वह काफी आक्रोश में है और देश के लिए कुछ करना चाहता है। उन्होंने कहा, 'एक छात्र के सवाल पर- उरी आतंकवादी हमले के बाद नागरिकों के मन में जो आक्रोश है, उसका एक बहुत-बड़ा मूल्य है। ये राष्ट्र की चेतना का प्रतीक है।'  

प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात के जरिए कश्मीर के लोगों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शांति,एकता और सदभावना के जरिए ही समस्याओं का हल निकाल कर विकास की तरफ बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा, 'हर समस्या का समाधान हम मिल-बैठ करके खोजेंगे, रास्ते निकालेंगे और साथ-साथ कश्मीर की भावी पीढ़ी के लिये उत्तम मार्ग भी प्रशस्त करेंगे।'

अपने इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने पैरालिंपिक खेलों में पदक जीतकर स्वदेश वापस लौटे दिव्यांग खिलाड़ियों के हौसलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन खिलाडि़यों ने अपनी इच्छाशक्ति के आगे कभी गरीबी और अपनी दिव्यांगता को आड़े नहीं आने दिया। हम सभी को इनसे सीख लेनी चाहिए। 

उन्होंने कहा, 'मैं फिर एक बार, हमारे इन सभी खिलाड़ियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आने वाले दिनों में भारत पैरालंपिक के लिये भी, उसके विकास के लिए भी, एक सुचारु योजना बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।'

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