कश्मीर की साझा संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर हमला

Publsihed: 11.Jul.2017, 10:33

नई दिल्ली | जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने संभवत: यह पहली बार कहा है कि अमरनाथ यात्रियों पर हमला सभी मुस्लिमों और कश्मीरियों पर धब्बा है और आतंकवादियों ने मुसलमानों का सिर शर्म से झुका दिया है, मैं शर्मिंदा हूँ | उन्हें पता है कि अमरनाथ यात्रियों पर हुआ हमला गोधरा ट्रेन के डिब्बे में सवार हिन्दू तीर्थ यात्रियों को जला कर मारने जैसा ही गंभीर मामला है |

गोधरा में ट्रेन के डिब्बे को जलाने की परिणिति गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ पैदा हुए आक्रोश ने हिन्दू-मुसलमानों को विभाजित कर दिया है | गोधरा से शुरू हुए ध्रुवीकरण के कारण भाजपा अपने बूते पर केंद्र में सत्ता में पहुँच गई है | अमरनाथ यात्रियों की जिस बस पर सोमवार रात को लश्कर-ए-तोयबा के आतंकियों ने हमला किया, वह भी गुजरात की ही बस थी | अमरनाथ यात्रियों पर यह हमला पिछले करीब दो दशक में पहली बार हुआ है | इससे पहले पहलगाम के यात्री कैंप पर 2002  में आतंकी हमला हुआ था , जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी |  

सच्चाई यह है कि यह यात्रा जितनी पवित्र हिन्दुओं के लिए है, उतनी ही महत्वपूर्ण कश्मीरी मुसलमानों के लिए भी है | हर होटल वाले, घोड़े-खच्चर वाले और दुकान लगाने वाले के लिए यह यात्रा सालभर में कमाई का सबसे बड़ा ज़रिया है | पालकी वालों से लेकर अपने पीठ पर यात्रियों को लादकर ले जाने वाले सभी मुसलमान ही होते हैं | इनमें से बहुत सारे लोगों के पास कमाई का कोई और ज़रिया नहीं है | कश्मीर में पशमीना शॉल व्यापारियों, बोट हाउस मालिको से लेकर काजू-बादाम और अखरोट बेचने वालों के लिए यह वक्त कमाई का बन जाता है | यानी यह सिर्फ हिन्दू तीर्थ का नहीं, बल्कि पूरे कश्मीर की अर्थव्यवस्था को गुलज़ार करने का मौका है | वे इस यात्रा का पूरा साल इंतज़ार करते हैं... साल के इन दो महीने जो कुछ कमाते हैं, वही उनके लिए पूरे साल की कमाई है | इस वक्त हिन्दू समुदाय में जो डर या गुस्सा इस यात्रा से पनपा होगा, उससे कहीं अधिक निराशा इन लोगों के लिए है, जिनके लिए इस यात्रा का चलना या न चलना जीवन–मरण के सवाल जैसा है | इस लिए जख्मियों की सेवा में जुटे मुस्लिम नौजवानों ने न सिर्फ आतंकियों की जैम कर आलोचना की , बल्कि उन्हें कश्मीर विरोधी भी बताया | यही वजह है कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आतंकवादियों के हमले को मुस्लिमों और कश्मीरियों पर धब्बा बताने की हिम्मत कर सकी |

यात्री सिर्फ अमरनाथ की पवित्र गुफा ही नहीं जाते | इनमें से बहुत-से वैष्णो देवी और लद्दाख भी जाते हैं और पटनी टॉप, गुलमर्ग और कश्मीर के नज़ारों का मज़ा भी लेते हैं | जिस बस पर सोमवार रात को आतंकियों ने हमला किया, उस के यात्री भी अमरनाथ यात्रा से लौट कर वैष्णों देवी की ओर जा रहे थे | अमरनाथ यात्रा का धार्मिक पहलू भी मुस्लिम समुदाय के साथ एक दिलचस्प रिश्ते से जुड़ा है | करीब 14,000 फुट की ऊंचाई पर बसी यह गुफा और शिवलिंग की खोज एक मुसलमान चरवाहे बूटा मलिक ने 19वीं शताब्दी में की थी | पुजारी भले ही हिन्दू हों, लेकिन आज भी गुफा के संरक्षकों में मलिक के परिवार के लोग हैं, इसलिए आतंकियों का यह हमला एक समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि कश्मीर की साझा संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर हमला है |

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