पिछले दिनों लाल कृष्ण आडवाणी की रहनुमाई में कर्नाटक के सिलसिले में प्रधानमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधि मंडल में वेंकैया नायडू भी थे। हालांकि मुलाकात सिर्फ कर्नाटक के मुद्दे पर तय हुई थी, लेकिन वेंकैया नायडू ने धान की कीमत का सवाल कुछ इस तरह उठा दिया कि दक्षिण राज्यों के साथ अन्याय हो रहा है। इस पर मनमोहन सिंह वेंकैया नायडू पर बिफर पड़े। उन्होंने वेंकैया नायडू से कहा कि वह धान की कीमतों के मुद्दे पर दक्षिण और उत्तर को बांटने की कोशिश न करें। वेंकैया नायडू का सामान्य ज्ञान बढ़ाते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि उत्तर भारत में भी धान की फसल दक्षिण जितनी ही होती है। उन्होंने वेंकैया नायडू को यह भी बताया कि जहां दक्षिण भारत में धान का ज्यादा इस्तेमाल होता है वहां दक्षिण में गेहूं से बनी हुई दूसरी चीजों का खूब इस्तेमाल होता है। असल में मनमोहन सिंह के भड़कने की वजह यह भी थी कि उस दिन धान की कीमत बढ़ाने पर केबिनेट कमेटी में विचार होना था। उस दिन कीमत बढाई जानी थी, जिसे बीजेपी अपना दबाव बताकर प्रचार करती। वेंकैया नायडू पर भड़कने के बाद मनमोहन सिंह ने केबिनेट कमेटी का फैसला भी टलवा दिया।
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