टेनिस खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की बेटी दीपिका पादुकोण भले ही महेंद्र सिंह धोनी के न्यौते पर ट्वंटी-ट्वंटी क्रिकेट मैच देखने जाए। लेकिन खेल की पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण बात जायज लगती है। जबकि राहुल-प्रियंका की ऐसी कोई पृष्ठभूमि नहीं, फिर भी दोनों ने क्रिकेट मैच के सहारे युवा वोटरों को प्रभावित करने का नया फार्मूला निकाल लिया है। वाजपेयी सरकार के समय पाकिस्तान जाकर भारत-पाक मैच देखने से भारतीय चैनलों पर मिली पब्लिसिटी के बाद राहुल-प्रियंका को यह मुफ्त का नया हथियार मिला है, जिसे इस्तेमाल करने का कोई मौका नहीं चूकते। मुंबई के ट्वंटी-ट्वंटी में राहुल के साथ राबर्ट वढेरा भी चैनलों पर दिखाई दिए लेकिन प्रियंका नहीं जा पाई। प्रियंका गांधी ने इसकी भरपाई उस दिन की, जब ट्वंटी-ट्वंटी की टीम दिल्ली में प्रधानमंत्री को मिलने आई। राजीव शुक्ल ने सोनिया गांधी से मिलने का प्रोग्राम भी बनवाया और प्रियंका को भी सूचना दी गई। प्रियंका ने खासकर आरपी सिंह के साथ खड़े होकर कई फोटो खिंचवाए। इसकी वजह है आरपी सिंह का प्रियंका के भावी निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली का होना।
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