वाशिंगटन। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष में देश के विकास दर अनुमान में एक फीसदी की कटौती की है, पहले विकास दर 7.6 फीसदी अनुमानित की गई थी, जिसे अब 6.6 फीसदी अनुमानित किया गया है. विशव बैंक ने भी दो दिन पहले विकास दर में गिरावट का अनुमान घोषित किया था. विकास दर में गिरावट का मुख्य कारण नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर पड़े बुरे असर को बताया गया है.
दूसरी ओर चीन का आर्थिक विकास दर 6.5 फीसदी से बढा कर 6.7 फीसदी अनुमानित किया गया है. अब तक भारत को सब से आगे बढता देश बताया गया था, लेकिन अगर चीन की विकास दर 6.7 और भारत की विकास दर 6.6 निकलती है, तो विकास दर में भारत का पहला नम्बर नहीं रहेगा और इस गिरावट का कारण नोटबंदी है.
मुद्रा कोष ने आगामी वर्ष के अनुमान में भी 0.4 फीसदी अंकों की कटौती की है. सोमवार को जारी की गई नवीनतम विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूइओ) रिपोर्ट में कहा, “भारत में वर्तमान (2016-17) और अगले वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अग्रिम अनुमान में क्रमश: एक फीसदी और 0.4 फीसदी की कटौती की जाती है. इसका प्रमुख कारण नोटबंदी के कारण नकदी की कमी और भुगतान में खलल के कारण हुई अस्थायी नकारात्मक खपत है।”
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