लखनऊ। बलात्कार के आरोपों में फसें अखिलेश सरकार के मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में आत्मसमर्पण कर सकते हैं। गायत्री पर सामूहिक दुष्कर्म समेत अन्य कई मुक़दमे दर्ज हैं। सुप्रीमकोर्ट ने गायत्री प्रसाद प्रजापति की गिरफ्तारी का आदेश किया था जिसके बाद गायत्री फरार हो गया।
उत्तरप्रदेश पुलिस और एसटीएफ भी गायत्री को पकड़ने में नाकाम रही है। फिलहाल गायत्री के इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके है लेकिन अभी तक गायत्री की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है। गायत्री की गिरफ़्तारी अब यूपी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। सूत्रों के हवाले से गायत्री प्रसाद प्रजापति लखनऊ सीजेएम कोर्ट में आत्म समर्पण कर सकता है। अगर गायत्री ने आत्मसमर्पण कर दिया तो यह प्रशासन पर बड़ा सवाल होगा कि आखिर गायत्री को पुलिस ढूढ़ क़्यों नहीं पायी? लेकिन पुलिस,गायत्री को गिरफ्तार करने के लिए हर तरह का प्रयास कर रही है। गायत्री,अमेठी से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी है जिसके समर्थन में मुख्यमंत्री अखिलेश ने चुनावी जनसभा भी की है।
एडीजी एलओ दलजीत चौधरी के मुताबिक पीड़ितों के बयान और सभी जरुरी साक्ष्य एकत्रित करने के बाद ही अंतिम कार्यवाही का कदम उठाया जायेगा। उन्होंने कहा है कि मामले की विवेचक सीओ आलमबाग अमिता सिंह ने पीड़िता का 164 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में कलमबद्ध बयान कराया है। चित्रकूट जिले की पार्षद ने मंत्री समेत उनके अन्य लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता का आरोप था उसके साथ उसकी बेटी का यौन शोषण करने की कोशिश की गयी है।
इस मामले की शिकायत पीडि़ता ने जनपद स्तर से लेकर सूबे के पुलिस अधिकारियो से की थी लेकिन सत्ता पक्ष के दबाव के कारण आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था।
बताते चलें कि इस मामले जाँच सीबीआई को सौंपी गई थी लेकिन पीड़ित इससे संतुष्ट नहीं थी इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। कोर्ट इस घटना पर उत्तरप्रदेश सरकार को भी फटकार लगाया था और आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ़्तारी का आदेश जारी किया था।
कोर्ट के आदेश पर आरोपी मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंन्द्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में अपराध संख्या 29/11 आईपीसी की धारा 376 डी महिला के साथ गैंग रेप, 376/511 महिला की बेटी के साथ रेप का प्रयास, 504,506 और 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है।
आपकी प्रतिक्रिया