दार्जिलिंग । दार्जिलिंग में जारी विरोध प्रर्दशनों के बीच आज फिर वहां हिंसा भड़क गई। इंडियन रिजर्व बटालियन के एक अधिकारी किरण तमांग की खुखरी घोंपे जाने के बाद कतिततौर पर सीआरपीएफ की फायरिंग में चार गुरखा मारे गए हैं | बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने कहा कि यह साजिश है, उन्होंने आन्दोलनकारियों की ओर से राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किए जाने पर भी एतराज किया है |
दार्जिलिंग में बंद का शनिवार को छठा दिन है। इस दौरान इस पहाड़ी इलाके में रह रहकर हिंसा भड़कती रही है। वहीं ताजा हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने हिंसा को साजिश करार दिया। ममता ने कहा कि “पिछले 5 साल से लोग चुप थे, जैसे ही चुनाव नजदीक आए यहां हिंसा भड़क गई।” ममता बनर्जी ने इसे राजनैतिक साजिश बताया।
क्या है विवाद
दरअसल विवाद की शुरुआत राज्य सरकार के उस निर्णय के बाद हुई जिसमें सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में बांग्ला भाषा को पढ़ाना अनिवार्य कर दिया था। हालांकि विवाद बढ़ता देख सरकार ने अपनी सफाई में कहा था कि यह नियम पहाड़ी जिलों में लागू नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद दार्जिलिंग में हिंसा भड़क गई।
वहीं कहीं ना कहीं इस हिंसा के पीछे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की वह मांग भी है, जिसमें पश्चिम बंगाल से अलग राज्य गोरखालैंड की मांग की जाती है। फिलहाल जारी हिंसा में भी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के ही कार्यकर्ता ही पुलिस के साथ हिंसा पर उतारु हैं।
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