रद्दी का टुकडा बन चुके 500 एवं 1000 रुपए के अपने नोटों को बदलवाने के लिए आज दूसरे दिन भी बैंकों में लम्बी कतारे लगी रही. दिल्ली के ज्यादातर एटीएम आज भी बंद पडे थे, बताया ज्का रहा है एटीएम मशीने 500 और 2000 के नए नोट स्वीकार नहीं कर रही हैं, क्योंकि मशीनो में 2000 का तो प्रवधान ही नहीं है और 500 के नोट का भी साईज अलग है. यहाँ तक कि संसद भवन के गलियारे की मशीन पर भी आऊट आफ आर्डर लिखा था.
कांस्टिच्यूशन क्लब में लगा एसबआई का नया एटीएम भी लम्बी तान कर सोया था. विदेशी बैंको के एटीएम अलबत्ता बेहतर काम कर रहे थे. बैंको की लंबी कतारो की वजह से लोगों को अपने नोट बदलवाने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली पुलिस ने संभावित भीड़ के मद्देनजर बैंकों एवं एटीएम में सुरक्षा बढ़ा दी है. दिल्लीवासी कामकाजी दिन में लंबी पंक्तियों में इंतजार करने को लेकर नाराज हैं.
बैंक अधिकारियों ने बताया कि कई एटीएम में अभी तक नकदी नहीं डाली गई है. रुपए मिलने की आस के साथ महिलाओं एवं बुजुर्गों समेत लोग अपने-अपने इलाकों में स्थित एटीएम के बाहर एकत्र हुए लेकिन उन्हें यह देखकर निराशा हुई कि मशीनों में नकदी नहीं है.आईपी एक्सटेंशन निवासी 62 वर्षीय विमला देवी ने कहा, ‘मैं सुबह चार बजे उठी और नकदी निकालने के लिए एटीएम गई लेकिन मैंने देखा कि वहां पहले से ही लोगों की भीड़ थी जो इस बात की शिकायत कर रही थी कि एटीएम में नकदी नहीं है.’
स्टेट बैंक ने कहा है कि एटीएम सेवाओं को पूरी तरह सामान्य होने में कम से कम दस दिन लगेंगे. देश में करीब दो लाख एटीएम है। इनमें से कुछ एटीएम से सिर्फ 500 और 1,000 के नोट ही मिलते रहे हैं. इन्हें 100 और 2,000 रुपये के नोट के लिए नए सिरे से व्यवस्था करनी होगी.एक दिन बंद रहने के बाद कल बैंक खुले थे. कोई भी व्यक्ति चेक या विदड्रॉल स्लिप से एक दिन में 10,000 रुपये निकाल सकता है. एक सप्ताह के लिए (एटीएम से निकासी सहित) पहले पखवाड़े 24 नवंबर तक सिर्फ 20,000 रुपये निकाले जा सकते हैं.
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