मायावती के हाथी जब्त

Publsihed: 08.Oct.2016, 19:31

मायावती ने पिछ्ली बार मुख्यमंत्री रहते हुए यूपी के सभी बडे शहरो में पत्थर के बडे बडे हाथी लगवा दिए थे. हाथी बहुजन समाज पार्टी का चुनाव चिन्ह है. इस पर एक एनजीओ ने चुनाव आयोग और हाईकोर्ट में याचिकाए लगाई थी. चुनाव आयोग ने हाथियो को ढकने के आदेश दिए थे, जिस पर सरकार का लाखो रुपए लग गए थे. हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव अभी दूर है,लेकिन चुनाव आयोग ने एक बार फिर राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिह्न को लेकर सख्त रुख अख्तियार करते हुए कड़े निर्देश जारी कर दिये है.

चुनाव आयोग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी अपने चुनाव चिह्न के प्रचार प्रसार के लिए सार्वजनिक या सरकारी धन का उपयोग नहीं कर सकता है.आयोग ने यह निर्देश उत्तर प्रदेश की पूर्व सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर लगे उन आरोपों के बाद लगाया है जिसमें कहा गया था कि बसपा ने अपने चुनाव चिह्न का प्रचार करते हुए सार्वजनिक तौर पर हाथियों की मूर्तियां बनवाई थी.

दरअसल, एक एनजीओ ने सूबे की पूर्व बसपा सरकार पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इस याचिका ने वादी ने आरोप लगाया था कि बसपा सरकार ने अपने चुनाव चिह्न के प्रचार के लिए सरकारी धन का दुरुपयोग किया है. साथ ही वादी ने बसपा के चुनाव चिह्न ‘हाथी’ को रद्द करने की मांग भी की थी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए याचिका जुलाई में चुनाव योग को भेज दी थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग ने यह निर्देश जारी किया है.अपने आदेश में आयोग ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि निर्देशों के उल्लंघन को आयोग के वैध निर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक एनजीओ की अर्जी पर आदेश पारित किया था. जिसके बाद आयोग ने इस मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों से उनकी राय मांगी थी.

 

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