चुनाव आयोग ने साईकिल पर दावे की सुनवाई के लिए अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव खेमो को सुनवाई के लिए 13 जनवरी को तलब किया है. अब बाप -बेटे में समझौते के लिए तीन दिन बचे हैं. इस दौरान भी अगर दोनो में समझौता नहीं हुआ, तो साईकिल जब्त होना तय है.
उधर बाप-बेटा में घमासान बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। खबरें मिल रही हैं कि एक बार फिर सुलह का मामला अटक गया है। मंगलवार सुबह सीएम अखिलेश और सपा मुखिया मुलायम सिंह ने करीब पौने दो घंटे तक बीत की।
समाजवादी पार्टी में घमासान कम होने का नहीं ले रही .सूत्रों से जो खबरें बाहर आ रही है उसके मुताबिक मुलायम सिंह ने अखिलेश के सामने सुलह का फॉर्मूला रखा था। जिसके मुताबिक अखिलेश को उन्होंने भरोसा दिलाया कि चुनाव जीतने पर वही सीएम होंगे। हालांकि, मुलायम ने कहा कि सभी पावर तुम रख लो लेकिन अध्यक्ष मुझे रहने दो। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इस फॉर्मूले पर राजी नहीं हुए। अखिलेश ने कहा कि अगर मैंने अध्यक्ष पद छोड़ दिया तो फिर अमर सिंह कोई भी फैसला करा सकते हैं।
मीडिया को किया नजरअंदाज
इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने परिवार में घमासान से जुड़े मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। सोमवार को मुलायम सिंह ने अपना रुख नरम करते हुए कहा था कि समाजवादी पार्टी में अब कोई विवाद नहीं है और अखिलेश यादव ही पार्टी की ओर से अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी एक है और वो अखिलेश के लिए राज्यभर में प्रचार करेंगे। मुलायम की मानें तो समाजवादी पार्टी में बिखराव का सवाल ही नहीं उठता है. यानी मुलायम गुट ने अखिलेश गुट के सामने घुटने टेक दिए।
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