नई दिल्ली। वोटिंग के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोप लगाने वालों को अब चुनाव आयोग ने खुला चैलेंज दिया है। आयोग ने ईवीएम की पुख्ता सुरक्षा का दावा करते हुए कहा कि मई के पहले हफ्ते से लेकर 10 मई के बीच कोई भी उनकी इन मशीनों को हैक करके दिखाए। अभी तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक, चुनाव आयोग इस दौरान EVM में टैंपरिंग करने के साथ इन मशीनों को खोलकर भी उसमें छेड़छाड़ करने की चुनौती दे सकता है।
बसपा सुप्रीमो मायावती, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल सहित समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेंस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने 6 राज्यों के विधानसभा चुनाव में ईवीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने ईवीएम हैक मामले को लेकर आज राष्ट्रपति से भी मुलाकात की थी। वहीं केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चैलेंज किया है कि वह अपने अधिकारी की निगरानी में उन्हें ईवीएम दे तो वे साबित कर देंगे छेड़छाड़ होती है।
आरोपों के बाद आयोग ने दिया चैलेंज
इन्हीं रोज-रोज के आरोपों से आजिज चुनाव आयोग अब तक तो दस्तावेजी सबूतों के आधार पर ही ईवीएम के वज्रदुर्ग की रक्षा कर रहा था। लेकिन अब जगह-जगह से आ रही कच्ची-पक्की, सोशल मीडिया टाइप वायरल चीजों से आए दिन दो चार हो रहे आयोग ने ये आयोजन करने की ठान ली है।
मशीन पर सवाल उठा रहे राजनीतिक दल
विधानसभा चुनावों में हारने वाले दलों जिनमें कांग्रेस, आप और अन्य दल शामिल हैं, उन्होंने अब ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। उनका दावा है कि मशीन तैयार करते वक्त जब प्रोग्रामिंग की जाती है, उसी वक्त डाटा में गड़बड़ी की जा सकती है। यानी फीड में ही खेल किया जाता है, तभी आगे भी मशीन गड़बड़ नतीजे दे सकती है।
चुनाव आयोग ने खारिज किए सभी आरोप
इन आरोपों पर चुनाव आयोग का कहना है कि प्रोग्रामिंग में भी गड़बड़ी मुमकिन नहीं है। ऐसा हो ही नहीं सकता कि पोलिंग एजेंट को चेक कराते वक्त मशीन दूसरा नतीजा दे और वोटिंग के समय दूसरा नतीजा दे। चुनाव आयोग ने चुनौती दी है कि ऐसे आरोप लगाने वाले अपनी बात साबित करें।
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