आडवाणी और सहयोगियों की डिस्चार्ज याचिका खारिज

Publsihed: 30.May.2017, 13:54

लखनऊ | अयोध्या में विवादास्पद ढांचा गिराए जाने के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित सभी 12 आरोपियों ने जमानत मिलने के बाद सभी आरोप खारिज करने की याचिका लगाई थी,जिसे कोर्ट ने मामूली सुनवाई के बाद नामंजूर कर दिया | बचाव पक्ष के वकील ने याचिका खारिज होने के बाद कहा कि वे हाई कोर्ट में रव्यू की याचिका दायर करेंगे |

सीबीआई की विशेष अदालत ने 153, 153 बी, 195 और अपराधिक षडयंत्र की धारा 120 के अंतर्गत  20 हजार के निजी मुचलके ज़मानत दे दी है |

लालकृष्ण आडवाणी. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, विष्णु हरि डालमिया, रामविलास वेदांती, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय बंसल और बैकुंठलाल शर्मा प्रेम पर आरोप हैं , यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मौजूदा वक्त में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर केस नहीं चलेगा | पद पर होने की वजह से उन्हें केस से छूट दी गई है | पद से हटने के बाद उन पर केस चल सकता है , उपरोक्त सभी 12 पर बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश करने, दो धर्मों के लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करने, धार्मिक भावनाएं भड़काने, राष्ट्रीय एकता को तोड़ने के आरोप हैं | 

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि बाबरी मस्जिद गिराने की आपराधिक साज़िश करने का मुकदमा आडवाणी, जोशी के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में चलेगा |

मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने आडवाणी का स्वागत किया

इस से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की | विशेष अदालत के लिए रवाना होने से पहले आडवाणी राजधानी के वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री ने गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया | योगी, आडवाणी के आने से पहले ही गेस्ट हाउस पहुंच गए थे | राज्य के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ उन्होंने वहीं आडवाणी के आने का इंतजार किया |

कोर्ट का सम्मान करती हूं इसलिए पेश होने आई हूं : उमा भारती
इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी | ये एक खुला आंदोलन था. कोर्ट का सम्मान करती हूं इसलिए पेश होने जा रही हूं |

लाखों लोग मौजूद थे तो फिर साजिश कैसी : विनय कटियार
इसे लेकर बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि हाई कोर्ट ने भी कह दिया है कि वह रामलला का स्थान है फिर केस किस बात का. उस वक़्त लाखों लोग वहां मौजूद थे तो फिर साज़िश कैसी?

पृष्ठभूमि 

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने निर्देश दिया था कि 1992 के बाबरी विध्‍वंस केस में आडवाणी, जोशी, उमा भारती और अन्य पर षडयंत्र के आरोपों को लेकर मुकदमा चलेगा और रायबरेली से मामले को लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया, जहां इसी से जुड़ा एक अन्य मामला चल रहा है |

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट के पास यह अधिकार और उसकी डयूटी है कि वह किसी मामले में पूरा न्याय दें. यह अपराध जिसने देश के संविधान के सेक्युलर फेब्रिक्स को हिला दिया वह 25 साल पहले हुआ था | आरोपी इस केस में सही तरह से बुक नहीं किए गए क्योंकि सीबीआई ने आरोपियों को लेकर केस को सही तरीके से ज्वाइंट ट्रायल के लिए आगे नहीं बढ़ाया |
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क्या है मामला
1992: बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर दो एफआईआर 
कार सेवकों के ख़िलाफ़ एफआईआर 
मस्जिद से 200 मीटर दूर नेताओं पर एफआईआर 
एक एफआईआर पर लखनऊ की विशेष अदालत में सुनवाई
दूसरा मामला रायबरेली कोर्ट में
एक की जांच सीबीआई दूसरी यूपी सीआईडी को
1993: 13 नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश की धारा
 दोनों मामलों को लखनऊ कोर्ट ट्रांसफ़र करने की हाइकोर्ट में अर्ज़ी
2001: हाईकोर्ट ने कहा, रायबरेली का केस लखनऊ ट्रांसफ़र नहीं हो सकता
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, हाइकोर्ट का फ़ैसला बरक़रार
रायबरेली कोर्ट ने आपराधिक साज़िश की धारा हटाई
2010: हाइकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले को बरक़रार रखा
 2011: हाइकोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में सीबीअई की चुनौती
2015: पीड़ित हाजी महमूद  ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी 
19 अप्रैल 2017: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, आपराधिक साज़िश का मामला चलेगा

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