नई दिल्ली | गौरखपुर में मरने वाले बच्चों की तादाद 70 हो गई है | खबर आ रही है कि 6 महीने से ऑक्सीजन कम्पनी का पेमेंट परचेज इंचार्ज, प्राचार्य, डीन, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा रोक कर बैठे हुए थे। प्राचार्य की पत्नी 10% कमीशन की जगह 2% बढ़ाकर 12% कमिशन मांगे रही थी,इस कारण बिल अदायगी लम्बित हुई । मुख्यमंत्री गी आदित्यनाथ ने आज केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा के सामने मुख्य सचिव को जांच का जिम्मा सौंपा है | क्या जांच में यह शामिल किया जाएगा कि मुह मांगी रिश्वत नहीं मिलने के कारण बिलों की अदायगी नहीं की गई थी |
आक्सीजन सप्लाई करने वाली कम्पनी ने 12 अप्रेल को चिठ्ठी लिख कर सरकार को जानकारी दी थी कि उन्हें योगी सरकार बनाने के बाद से आक्सीजन सप्लाई के बिलों की अदायगी नहीं हो रही | अंततः 30 जुलाई को कम्पनी ने मेंडिकल कालेज को लीगल नोटिस भी दिया था । इसके बावजूद उसे पिछले छह महीने के बिलों की अदायगी नहीं मिली थी |
डीजी सवस्थ्य्य,प्राचार्य,पर्चेज इंचार्ज इन सब को तुरंत निलम्बित कर इन के खिलाफ हत्या के जिम्मेदार होने का मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए | ब्यूरोक्रेसी बिना किसी जवाबदई के देश पर शासन कर रही है.मंजूर और पास बिल का भी तब तक चैक नहीं बनता जब तक रिश्वत न पंहुचाई जाए.मोदी-योगी को याद किया जाएगा,अगर वे शासन पर चुनी हुई सरकार की लगाम लगा दें. ब्यूरोक्रेसी यह समझती है कि अंग्रेज जनता को नहीं, बल्कि उन्हें सत्ता सौंप कर गए हैं. नियमावली के नाम पर वे लोकतंत्र को ठेंगा दिखा रहे हैं |
इससे पहले लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा गोरखपुर हादसा संवेदनशील मामला है। इस मामले पर प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने घटना पर सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और अनुप्रिया पटेल स्थिति पर निगाह रखने के लिए प्रधानमंत्री के निर्देश पर गोरखपुर आए हैं।
इस दौरान सीएम योगी ने बच्चों की मौत के आकड़ें भी पेश किये। उन्होंने बताया कि 7 अगस्त को कुल 9 मौतें, 8 अगस्त को कुल 12 मौतें, 9 अगस्त को कुल 9 मौतें, 10 अगस्त को 23 मौतें और 11 अगस्त को कुल 11 बच्चों की मौतें हुई। हालांकि उन्होंने कहा कि ये सभी मौतें अलग-अलग कारणों की वजह से हुई थी। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि किस दिन कितने बच्चों की मौत किस बीमारी की वजह से हुई थी।
इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि ऑक्सीजन की वजह से बच्चों की मौत एक जघन्य कृत है। इस मामले की जांच होगी और जो भी दोषी होगा उसे बिलकुल भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया ने बताया कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी को इसका ठेका पिछली सरकार में दिया गया था। सप्लायर की भूमिका की जांच के बारे मुख्य सचिव को आदेश दिया गया है। सही तथ्यों को अगर रख पाएंगे तो मानवता के लिए बेहतर होगा। ऑक्सीजन की कमी से अगर मौत हुई है तो ये जघन्य है। 9 अगस्त को मेरे साथ चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी गए थे।
दूसरी तरफ सीएम योगी ने रविवार को अपने निजी ट्विटर अकाउंट से मारे गए बच्चों के परिवारों के लिए संवेदना प्रकट की। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ‘इस असीम दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिवारों के साथ हैं।’वहीं अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘बी आर डी मेडिकल कालेज गोरखपुर की हृदय विदारक घटना हम सब को असीम पीड़ा दे गई।
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