दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि पिछले 17 सालों में पहली बार दिल्ली में इस तरह की धुंध छायी है. धुंध को देखते हुए दिल्ली के एमसीडी के करीब 1300 स्कूलों को बंद कर दिया गया है. हवा में इतना प्रदूषण घुल चुका है जो अब जानलेवा धुंध बनकर हर तरफ फैल गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रदूषण के स्तर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली एक तरह से ‘गैस के चैंबर’ में तब्दील हो गई है जिसकी मुख्य वजह पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में खेतों की आग है.उन्होंने कहा कि धुंध के खतरनाक स्तर को घटाने में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत है.
अरविंद केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रदूषण इस हद तक बढ़ गया है कि दिल्ली में वातावरण एक गैस चैंबर जैसा हो गया है. प्रथम दृष्टया इसका सबसे बड़ा कारण हरियाणा और पंजाब के खेतों में भारी मात्रा में खूंटी को जलाना प्रतीत होता है.’ प्रदूषण के चलते नगर निगमों द्वारा संचालित स्कूलों को एक दिन के लिए बंद करने के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लंबे समय तक स्कूलों को बंद रखना एक व्यवहारिक समाधान नहीं है.
पिछले 17 सालों में पहली बार दिल्ली में ऐसी खतरनाक धुंध देखी जा रही है। इस खतरनाक धुंध का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है. चूंकि सुबह के समय धुंध सबसे ज्यादा होती है, इसीलिए दिल्ली के कई बड़े प्राइवेट स्कूलों और सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार को एक दिन की छुट्टी कर दी गई। इससे पहले कई स्कूलों ने बच्चों की आउटडोर एक्टिविटी भी पूरी तरह बंद कर दी थी।
दक्षिणी निगम के नेता सदन सुभाष आर्य ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए निगम के अध्यापकों को कहा गया है कि कुछ दिनों तक कक्षा के बाहर वाली गतिविधियां न करें और कक्षा के अंदर ही रहें। प्रार्थना भी कक्षाओं के अंदर ही करने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को स्कूल नियमित तौर पर खुलेंगे.दिवाली के बाद जहरीली धुंध को देखते हुए कई स्कूलों ने एडवायजरी जारी की है. प्रबंधन ने निर्देश दिया है कि बच्चे स्कूल में मास्क लगाकर आएं. कई स्कूलों ने सुबह की प्रार्थना बंद करा दी है. इसके अलावा अपने समय भी बढ़ा दिए हैं
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