नई दिल्ली | यूपीए सरकार ने हेमंत करकरे को इस काम में लगाया था कि वह मालेगांव ब्लास्ट केस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और योगी आदित्यानाथ को फंसाएं |यह सनसनीखेज खुलासा अभी हाल ही में जमानत पर बाहर आये सुधाकर चतुर्वेदी ने किया है | उन्होंने बताया है कि कांग्रेस के दबाव में ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को मामले में फंसाने की साजिश रची गई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि जांच के दौरान साध्वी प्रज्ञा को जांच अधिकारियों ने पॉर्न मूवी और अश्लील फोटो दिखाकर टॉर्चर किया था। कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं पी। चिदंबरम, शरद पवार और दिग्विजय सिंह कहने पर ही जांच अधिकारी मालेगांव गांव को भगवा आतंकवाद करार देने में लगे थे। उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच अधिकारी हेमंत करकरे ने उनका साथ दिया था।
चतुर्वेदी ने बताया कि इस मामले में जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब जांच अधिकारी तीन दिनों तक उनसे केवल योगी आदित्यानाथ के ठिकानों और मैथ के संबंध में पूछताछ करती रही। उन्होंने बताया कि मामले में योगी के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया गया था लेकिन सबूतों के अभाव की वजह से उनकी इ नहीं हो सकी।
जांच अधकारियों द्वारा अपने साथ की गई क्रूरता के बारे में बताते हुए चतुर्वेदी ने कहा कि जांच के दौरान उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया था। कई दिनों तक उन्हें भूखा रखा गया था। बाथरूम में करंट लगाकर रखा और पूरा नंगा कर पैरों के तालू पर लाठी से मारते थे।
वर्ष 2008 में मालेगांव में एक कब्रगाह पर बहुत बड़ा धमाका हुई था। इस धमाके में 30 लोगों की मौत गई थी जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए थे। कांग्रेस शुरुआत से ही इस धमाके को भगवा आतंकवाद से जोड़ रही है। सुधाकर चतुर्वेदी नौ साल पर जमानत पर रिहा हुए हैं। मामले में एनआईए साध्वी प्राची को क्लीन चिट दे चुकी है।
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