नई दिल्ली | मोदी मंत्रिमंडल में जहां एक तरफ कई नए नेताओं को जगह मिली तो कई की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी कर दी गयी। जिन मंत्रियों की छुट्टी की गयी उनमें से एक बड़ा नाम था संजीव बालियान का। संजीव बालियान यूपी के मुज़फ्फरनगर से सांसद हैं और बीजेपी में उन्हें एक जाट नेता के रूप में भी देखा जाता है। अब जबकि उन से इस्तीफा ले लिया गया है, तो बताया जा रहा हियो उनकी जगह अजित सिंह को आने वाले सत्यपाल सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है, लेकिन तेज तर्रार बालियान के सामने सरकारी नौकरी से रिटायर्ड सत्यपाल लोकप्रियता में कहीं नहीं टिक पाएंगे |
पिछले कई दिनों से आ रही ख़बरों के मुताबिक यह तो तय माना जा रहा था कि उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी तय है लेकिन यह भी कयास लगाये जा रहे थे कि उन्हें बीजेपी यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है लेकिन इन सब बातों पर भी उस समय ब्रेक लग गया जब महेंद्र नाथ पाण्डेय को बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
अब जब संजीव बालियान से मंत्री पद भी ले लिया गया है और उन्हें यूपी बीजेपी में भी कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी गयी है तो सवाल यह उठ रहा है कि क्या बीजेपी के इस फैसले से पश्चिमी यूपी में बीजेपी के वोट बैंक पर इसका फर्क पड़ेगा या नहीं। इस समय पश्चिमी यूपी में बीजेपी के पास संजीव बालियान से बड़ा कोई चेहरा नजर नहीं आता है चाहे वह जाट चेहरे के रूप में ही क्यों न हों। बीजेपी के इस फैसले से वेस्ट यूपी के जाट खुश नहीं हैं। उन्हें यह लग रहा है कि बीजेपी सरकार में उनकी उपेक्षा हो रही है अगर यह सही है तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
आरक्षण को लेकर राजस्थान और हरियाणा के जाट पहले से पहले से ही बीजेपी से नाराज हैं और अब ऐसे में अगर यूपी में भी बीजेपी का जाट वोट बैंक खिसकता है तो यह बीजेपी के लिए मुसीबत बन सकता है। वहीं बीजेपी द्वारा संजीव बालियान को हटाये जाने के बाद यूपी की विपक्षी पार्टियों को भी एक मौका मिल गया है कि वह जाटों को अपने खेमे में ला सकें।
पिछले कई सालों से पश्चिमी यूपी को कोई कद्दावर नेता नहीं मिल पाया है बीच में लोगों को अजीत सिंह से उम्मीद हुआ करती थी लेकिन हाल ही में हुए चुनाव में आरजेडी का जो हाल हुआ है उस से साफ़ नजर आ गया कि अजीत सिंह को भी पश्चिमी यूपी के लोग अपने नेता के रूप में अब नहीं देखते। इसके बाद संजीव बालियान मुज़फ्फरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद चुने गये और लोगों का उन पर भरोसा दिख भी रहा था लेकिन अब उन्हें भी बीजेपी ने मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
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