विधानसभाओ के चुनाव से ठीक पहले बजट पेश करने को लेकर विपक्ष के विरोध के मद्देनजर सरकार की तरफ से बड़ा बयान आया है. सरकार ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट की तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा लेकिन चुनावी राज्यों के लिए सरकार की तरफ से कोई विशेष घोषणा नहीं की जाएगी.
सरकार की तरफ से चुनाव आयोग में कहा गया कि सितंबर 2016 में ही सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी थी कि इस वित्त वर्ष में तय सीमा से एक महीने पहले बजट पेश किया जाएगा. 1 फरवरी को बजट पेश करने को लेकर सरकार ने अपनी पूरी बात निर्वाचन आयोग के सामने रखी.
4 फरवरी को पंजाब और गोवा में पहले चरण में वोट डाले जाएंगे. विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले बजट पेश करने पर बजट के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की जाएगी. इसलिए चुनाव आयोग से बजट की तारीख आगे करने की मांग की गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि चुनाव से पहले बजट पेश करना कानूनी तौर पर गलत नहीं है. ऐसा कर किसी कानू और संविधान के नियमों का उल्लंघन नहीं हो रहा है.
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