बिहार में भी लगने लगा अवैध बूचडखानों पर ताला

Publsihed: 02.Apr.2017, 13:51

उत्तरप्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर योगी सरकार की सख्त कार्रवाई के बाद प्रदेश के अवैध बूचड़खाना के मालिकों में जहाँ एक तरफ हड़कंप मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी राज्य बिहार में भी अवैध बूचड़खानों पर राज्य सरकार की तरफ से कार्रवाई शुरू कर दी गयी है|  रोहतास जिले के सात अवैध बूचड़खानों को सील कर दिया गया है| बिहार में इस वक्त तकरीबन 150 अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं।

दरअसल यूपी में योगी सरकार के आते ही जहाँ अवैध बूचड़खानों पर ताला लटका दिया गया था वहीँ पटना हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि रोहतास में सभी अवैध बूचड़खानों को 6 हफ्तों के भीतर बंद कर दिया जाए। 31 मार्च तक लाइसेंस रिन्यू नहीं होने के कारण रोहतास के बिक्रमगंज में जिला प्रशासन ने 7 बूचड़खाने सील कर दिए हैं।

बिहार में बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर दबाव बनाते हुए न केवल अवैध बूचड़खानों को बंद करने की मांग उठाई थी, बल्कि उन बूचड़खानों को जिनको लाइसेंस जारी किया है, उनके लाइसेंस को भी रद्द करने की बात कही थी।

इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में उठाते हुए नेता प्रेम कुमार ने कहा था कि, “यदि नीतीश कुमार सरकार ने जल्द से जल्द अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं की और उन्हें बंद नहीं किया, तो इसको लेकर बीजेपी सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी।” इस मामले पर बिहार सरकार में पशुपालन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने भी राज्य के तमाम अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा।

झारखंड में अवैध बूचड़खानों को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था। हरियाणा के गुड़गांव में शिवसेना ने मीट और चिकन की 500 दुकानों को बंद करा दिया है। इनमें मल्टीनेशनल फूड चेन केऍफ़सी भी शामिल है। महाराष्ट्र में शिवसेना ने नवरात्र में मीट न बिकने देने की बात कही। वहीँ जयपुर नगर निगम ने भी सभी को आदेश दे दिया कि एक अप्रैल से उन सभी स्लॉटर हाउस और मीट की दुकानों को बंद किया जाएगा, जिनके पास लाइसेंस नहीं है। मगर दुकानदारों का कहना है कि उनको न तो लाइसेंस दिया जा रहा है और न ही लाइसेंस को रिन्यू किया जा रहा है। 

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