बच्चो को नशे वाला कफ सिरप बेचने पर रोक

Publsihed: 18.Oct.2016, 11:31

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग और मुख्य चिकित्साधिकारियो को निर्देश दिए हैं कि काई भी केमिस्ट ऐसी किसी दवा जिसमें मादक द्रव्य अथवा कफ सीरप को 18 साल से कम आयु के बच्चे को न दें. मादक द्रव्यों से कमाए गए अवैध धन के विरुद्ध मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

इस से पहले बच्चो में नशे की बढती आदतो पर नियंत्रण के लिए 2012 में उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अजय सेतिया ने विभाग को निर्देश दिया था कि फ्लयूड और सोल्यूशन बेचने वाले दुकांदारो को हिदाय्त दी जाए कि वे नशायुक्त इन पदार्थो को 18 वर्ष से कम उम्र को बच्चो को न बेचें . आयोग के निर्देश पर चिकित्सा विभाग ने सभी जिलाधिकारियो के लिए हिदायत जारी की थी कि फ्ल्यूड और सोल्यूशन बेचने वालो को निर्देश दिए जाए कि वे बिना रिकार्ड में दर्ज किए इन नशे वाली वस्तुओ को नहीं बेचे. 

अब उत्तराखंड में बच्चो और युवाओं को नशे से मुक्त करने के लिए न्यायपालिका आगे आई है.कोर्ट ने सभी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को अपने संस्थान को नशामुक्त करने की जिम्मेदारी सौंपते हुए शिक्षण संस्थानों के आसपास सादी वर्दी में पुलिस कर्मियों की तैनाती करने के निर्देश भी दिए हैं. नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून में पकड़ी गई ढाई किलो चरस के मामले में सजायाफ्ता की अपील पर सुनवाई के दौरान पुलिस और अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं.हाईकोर्ट ने नशीले पदार्थों का उत्पादन, परिवहन, व्यापार करने वालों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने को कहा है.

हरिद्वार में पकड़ा गया था ढाई किलो चरस

एकल पीठ के समक्ष देहरादून निवासी हरिहर राम की अपील पर सुनवाई हुई. हरिहर ढाई किलो चरस के साथ पकड़ा गया था. निचली कोर्ट से उसे दस साल कैद व एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई थी.एकल पीठ ने अपील को खारिज करते हुए निचली कोर्ट का फैसला बरकरार रखा, साथ ही राज्य को व्यसन मुक्त बनाने के दिशा-निर्देश जारी किए.कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक से अधीनस्थों को यह दिशा-निर्देश जारी करने को कहा है कि मादक पदार्थों का स्रोत क्या हैं, उसके आवागमन के रास्ते और किस आदमी तक कैसे पहुंचता है, यह बताने को कहा है.

टास्क फोर्स बनाने के निर्देश

सचिव गृह को राज्य के नशा प्रभावित जिलों में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के अधीन टास्क फोर्स का गठन करने तथा मादक पदार्थों के व्यापारिक स्तर पर पकड़े जाने पर जांच आइपीएस के निर्देशन में करने के निर्देश दिए हैं.इस मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों तथा गवाही से पलटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा बेहतर व तेजतर्रार पुलिस कर्मियों को इस काम में लगाने को कहा है.

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