1962 से हर्षिल और नेलांग घाटियों पर लगी सभी बंदिशें खत्म

Publsihed: 26.Sep.2017, 21:16

उत्तरकाशी। केंद्र सरकार ने 1962 में चीन के साथ युद्ध के समय से चीन के बार्डर पर स्थित हर्षिल और नेलांग घाटियों पर लगी सभी बंदिशों को खत्म कर दिया है | इससे हर्षिल घाटी में देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्‍या में इजाफा होने लगा। पर्यटकों की तादात बढ़ने से स्थानीय व्यवसायी में खुशी आई है। मोदी  सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए हर्षिल क्षेत्र को इनर लाइन की बेड़ियों से मुक्त कर दिया। स्थानीय लोग पिछले पांच दशक से विदेशी पर्यटकों पर लगी बंदिशें खत्म करने की मांग कर रहे थे |

गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत ने विदेशी पर्यटकों के एक दल को वहां जाने के रवाना किया। वहीं विधायक ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिहाज से हर्षिल घाटी को इनर लाइन से मुक्त करने पर केन्‍द्र सरकार के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया। चीन सीमा से लगे हर्षिल और नेलांग घाटी को भारत-चीन के बीच 1962 के युद्ध के बाद इनर लाइन क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद यहां पर विदेशी पर्यटकों की आवाजाही को बंद कर दिया था।समय के बाद नियम बदलते गये।

सरकार ने पर्यटको के लिए थोड़ी छूट दी थी , जिस के तहत विदेशी पर्यटक दिन में तो घूम सकते थे, लेकिन रात को वो रुक नहीं सकते थे। लेकिन अब मोदी सरकार के पूरी तरह से छूट दिये जाने के बाद अब पर्यटक घाटी मनमोहक छटा का पूरा आनंद ले सकते हैं। इसे लाइनर से मुक्‍त करने के लिए कई दिनों से स्‍थानिएं लोग मांग कर रहे थे।

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