पत्थरबाजी का तोड़ जल्द निकाल लेंगे : सेनाध्यक्ष

Publsihed: 17.Jun.2017, 16:16

नई दिल्ली | कश्मीर के बिगड़ते हालात पर आर्मी चीफ़ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि कश्मीरी नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है और हमें लोगों की ज़िंदगी की परवाह है और ये सुनिश्चित किया जाएगा कि मानवाधिकार का उल्लंघन न हो | सेनाध्यक्ष ने आगे कहा कि मैं मानवाधिकार में यक़ीन रखता हूं और हालात के मुताबिक ही सेना कार्रवाई कर रही है | उन्होंने कहा कि हम पत्थरबाज़ी की समस्या से जल्द निपटेंगे |

एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्से में गड़बड़ी है | वहां स्थिति पर जल्द नियंत्रण पा लिया जाएगा | हालात को क़ाबू में करने के लिए आवश्यक क़दम उठाए जा रहे हैं |  सेना प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया है जब शुक्रवार को ही कश्‍मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किये गये हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए | आतंकियों ने ये बड़ा हमला दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के अच्छाबल में किया. जब पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी से वापस शाम सात बजे सुमो में लौट रहे थे तब घात लगाकर बैठे आतंकियों ने पुलिस पेट्रोल टीम पर हमला बोला और अंधाधुंध फायरिंग कर 6 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी |

वहीं शुक्रवार को सेना ने कुलगाम के अरवानी में तीनआतंकवादियों को ढेर कर दिया, जिनमें से एक लश्कर आतंकी जुनैद मट्टू भी है | आपरेशन के दौरान यहाँ स्थानीय | लोगों ने सुरक्षाबलों पर हजारों की तादाद में पत्थरबाजी की |

पिछले दिनों एक कश्मीरी युवक को ढाल की तरह इस्तेमाल किए जाने का बचाव करते हुए जनरल रावत ने खा था कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ‘घृणित युद्ध’ का सामना कर रही है, जिसे ‘नए’ तरीके से लड़ने की जरूरत है |  पीटीआई के साथ विशेष साक्षात्कार में रावत ने कहा था कि मेजर लीतुल गोगोई को सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य बल के युवा अधिकारियों का मनोबल बढ़ाना था जो आतंकवाद प्रभावित राज्य में बहुत मुश्किल परिस्थितियों में काम करते हैं | 

रावत ने कहा, यह छद्म युद्ध है और छद्म युद्ध घृणित लड़ाई होती है. इसे घृणित तरीके से अंजाम दिया जाता है. संघर्ष के नियम तब लागू होते हैं जब विरोधी पक्ष आपसे आमने सामने लड़ता है. यह घृणित युद्ध है. ऐसे समय में नए तरीकों का जन्म होता है. आप नए तरीकों से घृणित युद्ध लड़ते हैं | पिछले महीने एक व्यक्ति को सेना की जीप से बांधने और पथराव करने वालों के खिलाफ उसका इस्तेमाल मानव कवच के रूप में करने वाले गोगोई को सेना प्रमुख ने सम्मानित किया था, जिसकी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, कश्मीरी समूहों और सेना के कुछ सेवानिवृत्त जनरलों ने आलोचना की थी | कश्मीरी व्यक्ति के मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद शुरू हो गया था और बड़ी संख्या में लोग इस घटना की निंदा कर रहे थे |

जनरल रावत ने कहा था कि लोग हम पर पथराव कर रहे हैं, पेट्रोल बम फेंक रहे हैं. ऐसे में जब मेरे कर्मी मुझसे पूछते है कि हम क्या करें तो क्या मुझे यह कहना चाहिए कि बस इंतजार करिए और जान दे दीजिए? मैं राष्ट्रीय ध्वज के साथ एक अच्छा ताबूत लेकर आउंगा और सम्मान के साथ शव को आपके घर भेजूंगा | प्रमुख के तौर पर क्या मुझे यह कहना चाहिए? मुझे वहां तैनात सैनिकों को मनोबल बनाए रखना है. जनरल रावत ने कहा, वास्तव में मैं चाहता हूं कि ये लोग हम पर पथराव करने की बजाय हथियार चलाएं. तब मैं खुश होता | तब मैं वह करता जो मैं (करना चाहता हूं) जम्मू कश्मीर में लंबे समय तक काम कर चुके जनरल रावत ने कहा कि किसी भी देश में लोगों में सेना का भय खत्म होने पर देश का विनाश हो जाता है|

आपकी प्रतिक्रिया