एक शाम राम के नाम....

Publsihed: 12.Apr.2011, 23:29

प्रतिभा आडवाणी का एसएमएस था। रामनवमी की पूर्व संध्या पर एक घंटे की डाक्यूमेंट्री देखने का न्यौता था। ताकीत थी- आ रहे हों, तो एसएमएस से पुष्टि कर दें। साथ में चाय का लालच भी था। सो अपन ने आने की पुष्टि कर दी। यों अपन जानते हैं- इस परिवार में चाय का मतलब होता है- कुछ चटपटा हो जाए। गोल-गप्पे, दही-भल्ले, पापड़ी-भल्ले, पाव-भाजी, छोले-कुल्चे, जलेबी वगैरहा।

पहले बता दें- प्रतिभा आडवाणी के बारे में। आपने टीवी पर रीटेक विद प्रतिभा आडवाणी देखा होगा। जिसमें अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, आमिर खान वगैरहा से इंटरव्यू हुए थे। याद न आ रहा हो, तो नमस्ते सिनेमा याद आ रहा होगा। जिसमें विदु विनोद चोपड़ा, माधुरी दीक्षित, तब्बू वगैरहा से बातचीत हुई थी। कश्मीर पर भी एक सीरिज चलाई थी प्रतिभा ने। प्रतिभाशाली महिलाओं से इंटरव्यू की भी श्रृंखला चली। अब अपना प्रोडक्शन हाउस स्वयम नाम से चलाती हैं। रक्षाबंधन, होली, शिव, कृष्ण पर करीब दर्जनभर डाक्यूमेंट्री बना चुकी। फिल्मों की खुमारी इस पूरे परिवार को है। जिसका असर प्रतिभा की हर डाक्यूमेंट्री में दिखता है। सभी डाक्यूमेंट्री में फिल्मी गाने ही आधार हैं।

भगवान राम पर बनी डाक्यूमेंट्री का आधार भी फिल्मी गाने रहा। प्रतिभा खुद सूत्रधार के रूप में हैं। यानी राम कथा को खुद आगे बढ़ाती हैं प्रतिभा। राम पर फिल्माए गए गानों का संगम। प्रतिभा १९४३ की फिल्म का गाना भी ढूंढकर लाई। ताजा गाना २०१० की फिल्म का भी शुमार हुआ। इतनी सारी खासियत बताने के बाद इसकी अहमियत नहीं। यह सब इसलिए नहीं, क्योंकि वह लालकृष्ण आडवाणी और कमला आडवाणी की बेटी हैं। राजनीति से कोसों दूर। अपने काम में मग्न। जरा देखिए- फिल्म का प्रोमो.........

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