भोपाल। मध्य प्रदेश में मजदूरों के बच्चों को निजी विद्यालयों जैसी शिक्षा उपलब्ध निशुल्क कराने के लिए राज्य में श्रमोदय विद्यालय शुरू किए जा रहे हैं। देश में अपने आप में यह अनूठा प्रयोग होगा, जिस की लम्बे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी | मजदूरों के बच्चो के लिए केंद्र सरकार की एक योजना चलाती थी, जिसकी फंडिंग यूपीए सरकार के समय २०१२ में बंद कर दिया गयी थी |
मध्य प्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से चार विद्यालय शुरू किए जाएंगे। आधिकारिक तौर पर सोमवार को दी गई जानकारी में बताया गया है कि भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में बन रहे इन विद्यालयों में 4,480 बच्चों के शिक्षण, आवास और खेलकूद की वैसी ही व्यवस्थाएं की जा रही हैं, जैसी निजी स्कूलों में होती हैं।
इन आवासीय विद्यालयों में श्रमिकों के बच्चों को आवास, भोजन, पुस्तक सहित अन्य शिक्षा सुविधा निशुल्क मिलेगी। बताया गया है कि सभी श्रमोदय विद्यालय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) से संबंद्धित होंगे। प्रत्येक विद्यालय में 1,120 श्रमिकों के बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से कक्षा छठवीं से 12वीं तक की सभी संकाय की शिक्षा दी जाएगी।
श्रमोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा होगी, जिसमें केवल श्रमिक के बच्चे ही शामिल हो सकेंगे। आधिकारिक ब्योरे के मुताबिक, विद्यालय का प्रशासनिक, शैक्षणिक और अन्य व्यवस्थाओं का संचालन विद्यालय समिति से नियंत्रित होगा। समिति का सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट में पंजीयन कराया जाएगा।
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